अपने यार को प्यार नहीं करोगी?

मैं बोला- अगर अभी सारा ले लोगी तो बाद में क्या लोगी?

‘प्लीज़, वहाँ भी लूँगी पर अभी भी पूरा लेना है, तुम डालो बस!’

एक और धक्का, जिससे आधे के करीब लण्ड उसकी चूत में घुस गया, मैं उसके दोनों बड़े बड़े चूतड़ अपने पेट पर महसूस कर रहा था।

मगर मैं उसके बड़े बड़े बूब्स भी दबाना चाहता था..

तो मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमर से फिराते हुये पेट के ऊपर से लेजा कर उसके ब्लाउज़ और ब्रा के अंदर घुसा दिये और उसका ब्लाउज़ और ब्रा ऊपर उठा कर उसके दोनों विशाल बूब्स बाहर निकाल लिए।

जब सामने शीशे में मैंने उसके स्तानों का आकार देखा ‘हे भगवान… कितने बड़े, गोल और नर्म नर्म बूब्स थे उसके!’

‘तेरी बहन की चूत, मादरचोद, तेरे चुच्चे कितने बड़े हैं, मैंने आज तक इतने बड़े बुब्बे नहीं देखे!’

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‘हाँ बहुत बड़े हैं, तुमने इतने बड़े बूब्स नहीं देखे और मैंने इतना बड़ा लण्ड नहीं लिया।’

मैं अपना लण्ड उसकी चूत में ठेलता रहा और पूरा लण्ड उसकी चूत के पानी से भीग चुका था।

आज पता चला कि मर्द का लण्ड चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो औरत की चूत से बड़ा नहीं होता।

मैंने कुछ जोरदार शॉट्स मारे और बहुत ही बेदर्दी से उसके स्तनो को दबाया।

जी तो कर रहा था कि उसके बूब्स का जूस निकाल दूँ, उसे दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा था।

करीब 2-3 मिनट की चुदाई के बाद मैंने लण्ड बाहर निकाल तो बिजली की स्पीड से नीचे बैठ गई और अपनी चूत के पानी से भीगे मेरे लण्ड को फिर से अपने मुँह में ले लिया।

इतनी गर्मी एक औरत में मैंने तो आज तक नहीं देखी थी।

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उससे अपना लण्ड छुड़वाने के लिए मैंने कहा- अरे छोड़ो मेरी जान, छोड़ो इसे, मैं बाहर देखता हूँ, तुम छुप जाओ, मैं देखता हूँ अगर बाहर कोई न हुआ तो तुम पहले निकाल जाना, मैं बाद में बाहर आऊँगा।

यह कह कर मैंने अपना लण्ड खींच कर उसके मुँह से बाहर खींचा और उसे कमोड सेक्शन में धकेल दिया।

मैंने अपने अपना लण्ड अंदर डाला और बाहर झांक कर देखा, बाहर सब खाली था, मैंने कहा- जल्दी करो, कोई नहीं है, जल्दी से निकल जाओ और आधे घंटे बाद यहीं मिलना।

वो जल्दी से बाहर निकल गई और मैं वहाँ से सीधा होटल की रेसेप्शन पर गया और एक रूम बुक करवाया।

रूम की चाबी ले के वापिस शादी वाली जगह पे आ गया और उसको ढूंढने लगा।

थोड़ी देर बाद ही मैंने उसे कुछ लोगों में खड़े बातें करते देखा।

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जब उसकी नज़र मुझ पर पड़ी तो मैंने उसे कमरे चाबी दिखाई और वो भी तभी उन लोगो से अलग हो कर मेरी तरफ आई।

उसे आते देख मैं आगे आगे चल पड़ा और उसे ऊपर अपने कमरे में ले गया।

मैंने जैसे ही कमरे का दरवाजा बंद किया वो मुझसे लिपट गई।

बस उसके बाद हम दोनों ने बिना कोई समय गंवाए सबसे पहले अपने कपड़े उतारने शुरू किए, एक मिनट में ही हम दोनों बिल्कुल नंगे हो चुके थे।

कपड़े उतारने के बाद वो और भी शानदार लग रही थी, बहत गोरा और भरपूर बदन था उसका।

वो खुद ही जा कर बेड पे लेट गई और अपनी टांगें चौड़ी करदी, जिससे उसकी चूत एकदम से खुलकर सामने आ गई।

मैं भी जाकर उसकी टाँगो के बीच में उसके ऊपर लेट गया..

मैंने उसके बड़े बड़े बूब्स का स्पर्श अपने सीने पर महसूस कर रहा था।

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उसने कसके मुझे अपनी बाहों में भर लिया, ऐसे लग रहा था जैसे मुझसे ज़्यादा उसे चुदने की जल्दी थी।

मैंने उसके होंठों पे एक लंबा सा चुम्बन लिया तो उसने खुद ही मेरा लण्ड अपनी चूत पे सेट किया और बोली- जितनी जल्दी हो सके मुझे चोद लो, मेरे पास ज़्यादा टाइम नहीं है।

मैंने भी अपने लण्ड को धक्का मारा और वो उसकी पहले से ही पानी से भीगी चूत में घप्प से घुस गया।

मैंने अपनी जीभ निकली और उसके मुँह में डाल दी जिसे वो बड़े प्यार से चूसने लगी।

मैं भी चुदाई करते वक़्त अपना पूरा बदन उसके बदन से रगड़ रहा था, मैं चाहता था कि मैं उसके बदन को अंदर बाहर दोनों तरफ से छील के रख दूँ।

मैंने उसके दोनों स्तन अपनी दोनों हाथों में पकड़े और बड़े ज़ोर से दबाये, शायद उसको दर्द हुआ पर फिर भी वो खुश होकर बोली- दबा राजा, और ज़ोर से दबा, सच कहती हूँ तुम्हारा लण्ड लेके ज़िंदगी का लुत्फ आ गया।

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ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारा लण्ड मेरे अंदर से मेरे दिल तक पहुँच गया हो, मार डालो मुझे आज!

मैंने भी जवाब दिया- सही कहती हो मेरी जान, मैंने भी आज तक तुम्हारे जितनी गर्म औरत नहीं देखी, लण्ड लेने की इतनी तड़प मैंने इससे पहले किसी औरत में नहीं देखी, मेरी किस्मत अच्छी है कि मुझे तुम जैसी एक सम्पूर्ण औरत को चोदने का मौका मिला।

धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई तो वो भी नीचे से कमर उचका कर मेरा साथ देने लगी।

मैं पूरा लण्ड उसके अंदर तक डाल के अपनी पूरी ताकत लगा कर उसे चोद रहा था कि थोड़ी देर की चुदाई के बाद ही वो अकड़ गई।

मैंने उसे बड़ी मजबूती से पकड़ रखा था और उसने अपने नाखून मेरे सीने में गड़ा दिये।

मैंने अपना पूरा लण्ड उसके अंदर तक ठेल रखा था।

जब वो निढाल हो कर लेट गई तो मैंने अपनी स्पीड फिर से बढ़ाई।

एक सफल चुदाई की खुशी उसके चेहरे से झलक रही थी।

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मेरा काम भी होने वाला था, मैंने उससे पूछा- क्या तुम मेरा वीर्य पीना पसंद करोगी?

मैं तुम्हारे मुँह में झड़ना चाहता हूँ।

उसने हाँ में सर हिलाया तो मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया।

दो-एक मिनट की चुसवाई के बाद ही मेरा वीर्य छुट गया।

कुछ वो पी गई बाकी मुँह से बाहर टपक गया, मैंने अपना लण्ड उसके चेहरे पे फिराया।

वो मुस्कुरा कर बोली- अगर मुझे आज जाना न होता तो मैं सारी रात तुमसे सेक्स करती, पर जाना तो है, हो सका तो फिर मिलेंगे।

उसके बाद हमने अपने अपने कपड़े पहने, एक दूसरे को गुड बाय किस की और वापिस आकर शादी में शामिल हो गए।