शादी में मेरी पहली चुदाई

अन्तर्वासना, कामुकता और हिंदी सेक्स स्टोरी की दुनिया में आपका स्वागत है.. मैं अमिता सिंह, 35 वर्षीय शादीशुदा महिला हु। मेरे में वो सब कुछ है जो किसी भी मर्द को मस्त कर दे। 36 कि चूची .. मांसल बदन .. हल्का गोरा रंग। लेकिन ये कहानी 13 साल पहले की है।जब मैं कॉलेज जाती थी 22 साल की उम्र , 34 की चूची, छरहरा बदन। [desi kahani, antarvasna]

मैं मिडिल क्लास परिवार से थी। लेकिन कॉलेज में लड़कों की आंखों की तारा थी।

अधिकतर लड़के अपनी आदत से मजबूर मेरे पीछे भी पड़े हुए थे। स्कूल के एनुअल फंक्शन में तो कई लड़को ने छेड़छाड़ भी की थी क्योंकि मैं स्कर्ट और टॉप में खूब सज संवर कर गयी थी।

कुछ ने चूची भी मसल दी थी। मैं सब कुछ समझती भी थी। होस्टल की लड़कियों से दोस्ती थी वे सब कई बार ब्लू फिल्म भी दिखा देती थी। इसलिए मैं सब कुछ जानती थी लेकिन खुद पर कंट्रोल करती थी और लड़कों से दूर रहती थी।

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मेरी सहेली थी रेनू बड़े परिवार की खुले विचारों की.. कार से आती जाती थी .. लड़को के साथ दोस्ती यारी चलती रहती थी। लेकिन स्वभाव की बहुत अच्छी.. कोई घमण्ड नही और मेरे ख्याल से लड़को से भी एक दूरी मेंटेन किये रहती थी।

मुझसे काफी पटती थी।

उसके घर शादी थी उसने मुझे भी बुलाया था।

मुझे क्या सारे स्कूल को ही बुला लिया था। यहां तक कि टीचर्स को भी।

बहुत बड़ा घर था उसके लान में ही शादी का प्रोग्राम हो रहा था उसकी बुआ का। मैं खाश थी इसलिए दोपहर में ही आ गयी थी और पूरे घर मे घुल मिल गयी थी।

शाम को मैं रेनू के कमरे में ही तैयार हुई। घाघरा चोली पहना खूब अच्छे से तैयार हुई। रेनू तो देखकर मजाक भी करने लगी कि तेरी भी शादी आज ही करवा दु क्या ?

अपने रूम की चाभी उसने मुझे दे दिया कि मैं रखु वो किसी दूसरे कमरे में सेट हो जाएगी। बारात आ गयी सब कार्यक्रम चल रहा था मैं भी सब एन्जॉय कर रही थी।

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रात में 11 बजे मुझे बाथरूम जाना था। तो मैं रेनू के कमरे में गयी। बाथरूम जाना था तो कपड़े गंदे न हो जाये इसलिए घाघरा और पैंटी रूम में उतार कर बाथरूम में घुस गई लेकिन कमरे का दरवाजा लॉक करना भूल गयी।

बाथरूम से वापस आयी तो कमरे में अंधेरा था ही मैंने लाइट नही जलाया था। लेकिन घाघरा और पैंटी गायब थी!!

मैं परेशान और शॉक्ड की कौन कपड़े ले गया। दरवाजे की तरफ देखा तो अब दरवाजा भी अंदर से बंद था। जो कि मैने बन्द नही किया था। मैंने तुरंत लाइट जलाया लेकिन जो देखा तुरंत बेड से चादर खींच कर अपने को लपेट लिया। क्योकि सामने सोफे पर मेरे 35 वर्षीय इंग्लिश के सर मेरी पैंटी हाथ मे लिए बैठे थे। और सूंघ रहे थे।

कॉलेज के सबसे स्मार्ट और कड़क टीचर माने जाते थे और काफी लोकप्रिय भी।

लेकिन इस स्थिति में देखकर मुझे तो साँप सूंघ गया।

मैंने पूछा यहां क्या कर रहे है सर तो बोले तुम्ही ने तो बुलाया था दरवाजा खुला छोड़ कर।

मैं समझ गयी कि सर मुझे फसाना चाहते है कि मैं अगर शोर मचाऊं तो सर कहे कि मैने खुद बुलाया है।

इतने में मनीष सर उठे और पैंटी को सूंघते हुए मेरे पास और बोले कितनी अच्छी महक है तुम्हारे बुर की।

सर के मुँह से इतने खुले शब्दो को सुनकर मैं तो चौक पड़ी।

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तभी सर मेरे पास आये और आते ही एक झटके से चादर खींच दी। मैं एकदम नीचे से नंगी सर के सामने खड़ी थी।

मैने अपने हाथ से अपने बुर को ढक लिया सर नीचे बैठे और जबरदस्ती मेरा हाथ हटाने लगे और बोले चुपचाप खड़ी रहो नही तो जबरदस्ती तो चोदना ही है कॉलेज में भी बदनाम कर दूंगा। कॉलेज में मेरी छवि इतनी अच्छी है कि कोई मेरी बात नही कटेगा और इंग्लिश में फेल भी कर दूंगा।

मैं रुआंसी हो गयी सर प्लीज् मत करिए मेरी इज्जत मत खराब करिये।

सर बोले देखो बाहर तो किसी को पता चलेगा नही और जिसे तुम इज्जत कह रही हो ये जवानी के मजे है।

आराम और प्यार से करवाओ तो मजा भी आएगा और कष्ट भी नही होगा।

सर बोले कॉलेज की कई लड़कियों और टीचर को चोद चुका हूं। कभी किसी को पता चला। मेरी नजर बहुत पहले से थी तुम पर एक दिन रेनू को चोदते समय मैने उससे तुम्हारे बारे में बात की तो उसने बोला शादी में मैनेज करती हूं और उसी ने चाभी तुम्हे दी और मुझे पीछे से भेजा..

मैंने कहा आप झूठ बोल रहे है रेनू तेज तो है लेकिन आपके साथ कुछ नही किया होगा..

तभी सर खड़े हुए मोबाइल निकाला और एक वीडियो ओपन कर दिया..

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वीडियो देख कर मेरा तो दिमाग सुन्न हो गया..

रेनू सर के साथ पूरी नंगी होकर कार में चुदवा रही थी।

मुझे याद आया वो कार भी रेनू की थी।

तभी सर नीचे बैठे मेरा हाथ हटाया अब मैं विरोध की स्थिति में नही थी। और मेरी 2 दिन पहले सेव की हुई बुर पर अपने होठ रख दिये..

पहले सुंघा फिर किश करने लगे..

मेरे पैर कांप रहे थे..

तभी सर ने जीभ निकाला और मेरी बुर को चाटने लगे.. गुदगुदी और उत्तेजना हो रही थी.. सही कहूँ तो अच्छा लग रहा था लेकिन घबराहट से पैर कांप रहे थे..

बिना बुर को खोले जीभ से 2 मिन तक चाटते रहे।

फिर खड़े हुए मेरे होठों को किस किया और कान में बोले – मुझे मालूम है तुम्हे अच्छा लग रहा है साथ दो तो और अच्छा लगेगा..

फिर मेरे होठों पर टूट पड़े ..।5 मिन तक चूसते रहे।

सर की स्टाइल थी एक समय मे एक काम होठ चूसते समय दोनों हाथ पीछे किये रहे । मेरे सरीर से दूर किये रहे । फिर गले पर किश करना शुरू किया। गालो पर आंखों पर लेकिन जब कानो के नीचे किश किया तो मेरी हालत खराब हो गयी मन किया कि मैं भी टूट पडू.. किश करू लेकिन कंट्रोल किये रही..

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तभी सर ने झटके से चोली खोल दी और फेक दी ।

अब मैं सिर्फ ब्रा में सामने खड़ी थी।

सर ने धकेल कर मुझे दीवार के सहारे किया और ब्रा के ऊपर से मेरी चुचियो को दबाने लगे… मैं तो हवा में उड़ रही थी.. रोकना भी चाहती थी लेकिन आवाज ही नही निकल रही थी।

तभी सर ने मेरी ब्रा खोल दी और मेरे 34 के सुदर सुडौल सुसंगठित चुचियो को मसलना चालू किये.. मेरे मुंह से अब मस्ती की सिसकारियां निकल रही थी सर को भी ये अहसास था कि मुझे मजा आ रहा है..

तभी सर ने इतनी तेज से मेरी चूची को दबाया तो मैं चीख पड़ी और मेरे मुंह से पहली बार निकला.. कि सर धीरे करिये..

सर ने तुरंत मेरी चूची को मुह में लिया और पीने लगे.. एक चूची पी रहे थे.. दूसरे चूची को मसल रहे थे..

घुंडीयो को उंगलियों से सहला रहे थे.. तभी एक हाथ नीचे ले गए और चूची पीते हुए बुर को सहलाने लगे..

बुर के दाने पर उनका हाथ जाते ही मैं उछल पड़ी और सर के गले लग गयी और बोली सर मुझे पता नही क्या हो रहा है कुछ करिये..

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सर मुझे पीछे किये और हँसते हुए मेरे होठो को किस किया..

लेकिन मैं इतनी उत्तेजित थी कि मैं उनके होठो पर टूट पड़ी और चूसने लगी.. सर मेरे चुचियो को मसल रहे थे.. फिर मेरे हिप्प को दबाने लगे.. और एकाएक एक उंगली झटके से बुर में डाल दिये.. पहली बार कुछ बुर में गया था मैं उछल पड़ी और हांफने लगी ..

गर्मी से पसीना आने लगा.. वही बिस्तर पर बैठ गयी.. सर पीछे गए कमरे की ऐसी को चालू किया.. और एक गिलाश पानी लेकर मुझे दिया..