ससुर- बहू की चरमसुख की दास्तान

मैने मुस्कुरा कर बहू की आँखों में देखने लगा, बहू भी खो गई कुछ सेकेंड के लिए….

बहू डिनर टेबल के अराउंड मेरे जस्ट सामने बैठ कर नाश्ता करने लगी, बेटा उसके बाजू में बैठ था, और मेरी बीवी, मेरे बाजू में बैठी थी| मेरी बेटी कोटा पढ़ने गयी थी, तो हॉस्टिल में रहती थी|

बहू ने लाल रंग की होम्ली सारी पहनी हुई थी और वो क्रॉस लेग कर के सारी में बैठी हुई थी| मुझे अपने तजुर्बे से ये मालूम था की जब औरत क्रॉस लेग कर के बैठ ती है, तब नीचे से उसके कपड़े का कुछ हिस्सा उपर उठ जाता है, कपड़े जैसे सारी, गाउन और मेक्सी…

मैने बस एक अंदाज़ा लगया की बहू रानी भी शायद क्रॉस लेग कर के बैठी होगी, मैने अपने चम्मच को टेबल के नीचे फेक दिया, और अपने बेटे से कहा- उफ़फ्फ़ ऊओ, बेटा ये चम्मच गिर गया मेरा…..

बेटे ने कहा – पिताजी मैं उठा देता हूँ…

मैने कहा- बेटा, अभी तेरा बाप बूढा नही हुआ है, मैं उठा लूँगा तू नाश्ता कर….

ये बोल कर मैं टेबल के नीचे जैसे ही गया, वो हसीन नज़ारा ये ही बयान कर रहा था की मेरा अंदाज़ा कितना सही था, किसी ने सच ही कहा है, की तजुर्बे से बड़ा कुछ नही होता….

मेरी जवान बहू रानी ने सारी में क्रॉस लेग ही कर के बैठी हुई थी, उसकी नंगी, गोरी, चर्बिदार टाँगों को देख कर मेरे मू और लंड दोनो में पानी आ गया, उसने अपने कुदरती खूबसूरत पैरों में घर की फ्लिप-फ्लॉप पहनी हुई थी|

Sasur Bahu ki Kamuk Dastan > कामना की कामवासना

मैं हिम्मत कर के टेबल के और अंदर गया और उसके पैरों के पास आ कर लगातार बहू के पैरों और टाँगों की खूबसूरती को देखता रहा, हिम्मत कर के अपने मुख को बहू रानी के पैरों के पास कर के, उनकी कुद्रती महक लेने लगा, टाँगों से ले कर पैरों तक मैं महक लिए जा रहा था, कसम से मित्रों, मेरी बहू रानी की टाँगों की वो महक बोहोत नशीली थी|

मन तो कर रहा था, की बहू की टाँगों को आइस-क्रीम की तरह चाट जाऊ, लेकिन किसी भी तरह अपने अंदर के ससुर को जगाए रखा, और कुछ देर महक ले कर , उपर आ गया|

अभी भी वो हसीन नज़ारा और नाक में बहू की टाँगों की वो कुद्रती महक महसूस हो रही थी, मैं अब बहू को लगातार देखने लगा, बहू अपनी सास से खाने की बात कर रही थी की पहली बार, गाजर का हलुवा बनाया है, सब को पसंद आना चाहिए, कुछ देर बाद बहू की नज़र मुझपे पड़ी, मैं उसे लगातार हलुवा खाते हुए देख रहा था|

बहू ने इशारे से पूछा, क्या हुआ ससुर जी?

मैने भी इशारे से, नीचे हलूवे की तरफ इशारा करते हुए कहा- अच्छा बना है हलुवा…..मुस्कुरा दिया…

बहू प्यार से मुस्कुराए और होंठों को हिलाते हुए इशारे से बोली – टैंक यू ससुर जी ….

अब मैने तये कर लिया था, की जब तक अपनी बहू रानी के गरम, गोरे, गदरिया योवन रस से भरपूर जिस्म को भोग नही लेता तब तक शांत नही रहूँगा|

मेरे बेटे ने तभी सब को बताया, की आज रात उसने घर में मूवी का प्रोग्राम रखा है, जहाँ सब परिवार के लोग साथ में बैठ कर मूवी एंजाय करेंगे|

मैने तभी बहू रानी और बीवी को कहा, की बेटे के प्रोग्राम में कोई कमी नही होनी चाहिए, और सब अच्छे से एंजाय कर सके, इसलिए सब लोगों के बैठने का इंतीज़ाम सोफे पे नही, नीचे बिस्तर लगा कर करेंगे, जिस से सब आराम से मूवी देख सकें|

मैने बहू को मुस्कुराते हुए स्नेह से कहा – बहू रानी, तू आज पॉपकॉर्न और जूस बना लेना, आज मज़ा करेंगे सभी …..

Chaalu biwi ki liya Sasur ka lund > गुसलखाने का बंद दरवाज़ा खोला-6

बहू ने मुस्कुराते हुए हामी भरते हुए कहा- जी ससुर जी , आप चिंता ना करें, मैं सब तैयारी कर लूँगी….

बहू किचन में जाने लगी, और मेरी कामना और भड़क ने लगी, उसकी मोटी उभरी मटकती हुई गांड को देख कर, उसकी गांड को देखते हुए, आज रात मोवी नाइट के बारे में होने वाले, कामना के शातिर खेल के बारे में सोचने लगा…..

मित्रों, आगे की कहानी अगले भाग में, आप सभी पाठकों का इंतज़ार कर रही है| अगर आपको मेरी ये सच्ची कहानी पसंद आई, तो मैल ज़रूर करिए और अपने विचार ज़रूर शेयर करें| Mail id – 2661273rttr [at] gmail.com