Choot chudai karne ka shauk hai mujhe

नमस्कार दोस्तों! मैं अमन, मेरे पुराने पाठक तो मुझे जानते ही होगें। और अपने नये पोर्न स्टोरी पाठको को मेरा परिचय यह है कि मैं साउथ दिल्ली से हूं और एक किराये के मकान में रहता हूं। दोस्तों आप को पता ही होगा कि कैसे मैंने अपनी मकान मालकिन की चुदाई की थी और अपने अड़ियल लंड से पूरी रात चोद कर उनकी चूत की गर्मी शांत की थी। और उस दिन से वह मेरे लंड की दिवानी हो गयी और जब कभी भी मौका मिलता तो वे चुदने के लिये मुझे बुला लेती थी और मैं भी उनकी भरपूर चुदाई करता था। choot chudai

और इस तरह मैंने उसे पूरा रंडी बना दिया। choot chudai

पिछले गुरूवार की बात है, उस दिन फिर आंटी अकेली थी, क्योंकि अंकल की शिफ्ट बदल चुकी थी। और वे रात को आॅफिस चले गये । और फिर आंटी चूत खुजलायी तो उन्होंने मुझे ही याद किया। दोस्तों अब मैं एक ही चूत चोद चोद कर ऊब चुका था पर आंटी की भूख शांत ही नहीं होती। लेकिन वह मेरी मकान मालकिन हैं, इस कारण मैं उनको मना भी नहीं कर सकता था और जब भी वे बुलाती मुझे जाना पड़ता। और उस दिन भी ऐसा ही हुआ।

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मैं उनके कमरे में गया तो वह ब्रा और पैंटी में अपने बेड पर लेटी थी। मैं चुपचाप जा कर उनके पास बैठ गया तो उन्होंने मेरा लंड निकाल लिया और उससे खेलने लगी पर मैंने कोई हरकत नहीं की, इसलिये वह जल्द ही समझ गयी कि आज मैं उन पर खास ध्यान नहीं दे रहा था। और मुझसे बोली कि आखिर बात क्या हैं, तो मैंने भी अपने दिल की सारी बात उनको बता दी। choot chudai

इस पर वे हंस कर बोली कि बस इतनी सी बात। इसके बाद वे बोली कि उनकी एक दोस्त है, जिसका नाम मोना है। उन्होंने उसको हमारी चुदाई का किस्सा बताया था, और तब से वह मेरे लंड के दर्शन करना चाहती है। और उन्होंने कई बार आंटी से मुझसे मिलने के लिये कहा। यह सुनते ही मैं खुशी से उछल गया, और आंटी से बोला कि प्लीज आंटी एक बार मिलवा दो ना। तो वह बोली कि ठीक है, मैं उसे कल शाम को बुला लूंगी।

यह सुनकर मेरे ठंडे पड़े शरीर में जान आ गयी और आंटी की सहेली के बारे में सोचते हुये रात भर मैंने आंटी की खूब चुदाई की और हमेशा की तरह सुबह होने से पहले चुपचाप छत पर आकर अपनी चारपाई पर सो गया। अगला दिन शुरू हुआ, मैं उठा, पर मेरे दिमाग में आंटी की बात गूंज रही थी और पूरी शिद्दत से उनकी फ्रेंड मोना के आने का इंतजार कर रहा था। और इस तरह इंतजार में पूरा दिन पहाड़ जैसा लग रहा था।

इस बीच मैं कई दफें मकान मालकिन के कमरे के चक्कर काट चुका था। और दोपहर को जब मैं उनके पास गया तो आंटी ने मुझसे कहा कि जब मोना आये तो उसे यह पता न चले कि मैं पहले से उसके बारे में जानता हूं.. choot chudai

तो मैंने उनकी सारी बात समझ ली और हां में सिर हिला दिया और फिर अपने रूम में वापस चला आया। और पढ़ाई करने लगा पर मेरा मन पढ़ने में भी नहीं लग रहा था और इस तरह धीरे धीरे शाम हो गयी। करीब छः बजे थे और मैं यह देखने के लिये मकान मालकिन के कमरे की ओर बढ़ा कि उनकी दोस्त मोना आयी है, या नहीं। और जैसे ही मैं उनके डोर पर पहुंचा तो मुझे आंटी के साथ किसी अन्य महिला की आवाजें आ रही थी।

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मैं तुरंत ही समझ गया कि वह उनकी दोस्त मोना है। पर आंटी के कहे अनुसार अंजान बन कर मैंने अंदर प्रवेश किया, तो देखा कि आंटी और उनकी फ्रेंड सामने सोफे पर बैठी थी। मैं चुपचाप बहाने से उनके पास गया और बोला कि आंटी मैं बाजार जा रहा हूं, आपको कोई काम तो नहीं है। उन्होंने कहा नहीं है, फिर जैसे ही मैं मुड़ा तो आंटी ने पीछे से मुझे आवाज लगाई, तो मैं पलट गया।

और उसके बाद उन्होंने मेरा परिचय अपनी फ्रेंड मोना से कराया और तब मैंने मोना को भरपूर नजरों से निहारा। साली एक नंबर माल थी ऊपर से लेकर नीचे तक, और उसके हुस्न का झटका का मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड भी पैंट के अंदर से फड़फड़ाने लगा पर फिर मैंने किसी तरह उसे थाम लिया। वह बहुत ही गोरी बिल्कुल वन टच माल थी और देखने में उम्र करीब 28 साल की लग रही थी। choot chudai

गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। और होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मोना डार्लिंग की खूबसूरती के आगे मेरी मकान मालकिन भी भीकी थी। उनका बेहद टाइट कसा कुर्ता उनकी मस्त बत्तीस इंची कमर पर चिपका था।

फिर आंटी ने मुझे सामने सोफे पर बैठने को कहा तो मैं बैठ गया और इस तरह हम तीनों आपस में गपशप करने लगे। और बीच बीच में मोना आंटी मुझे तिरछी नजरें से तड़ लेती थी और मैं भी आखों ही आखों में उनके शरीर के हर हिस्से को निहार रहा था। जब वह पैर पर पैर रख कर बैठी थी तो कुर्ते के किनारों से दिखती उनकी मांसल जांघे और भी ज्यादा सेक्सी थी।

और इस तरह हमनें खूब बातें की और लगभग एक घंटे बाद आंटी किचेन में खाना रेडी करने चली गयी और मोना भी जाकर उनका हाथ बटानें लगी, तो मैं भी वापस अपने कमरे में आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा। choot chudai

रात को खाना खाने के बाद मैं हमेशा की तरह बाहर चारपाई बिछाकर लेट गया और मोना आंटी की याद में आसमान को देखकर करवटे बदलते रहा। और दस बजे के आस पास मैं धीरे से आंटी के कमरे में गया और पूछा कि मोना कहां है तो आंटी ने बताया कि वह बगल वाले कमरे में सो रही है, यह सुनकर मैं मोना के कमरे की ओर बढ़ा और मकान मालकिन अपने बच्चों के साथ फिर से सो गयी।

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मैंने बिना आहट किये मैंने मोना के कमरे के डोर को धक्का दिया तो वह खुल गया। और मैं भी यह समझ गया कि उन्होंने भी चुदने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। और फिर मैं बेड की ओर बढ़ा तो मैंने देखा कि मोना आंटी करवट लिये लेटी थी और उनके बदन पर एक हल्की क्रीम कलर की नाइटी थी जिसमें से उनकी बाॅडी के सभी उभार बखूबी दिख रहे थे। फिर मैंने अपनी शर्ट और लोवर उतार दी और बेड पर जाकर उनसे सट कर लेट गया।

और कमर मैं हाथ डालकर उसे सहलाते हुये सीमा मेरी जान बोला ताकि अगर कुछ गड़बड़ी हो मैं यह कह सकूं कि मैं उन्हें सीमा आंटी समझ रहा था और बच सकूं क्योंकि सीमा मेरी मकान मालकिन का नाम था। choot chudai

और फिर मैंने अपने हाथों को ऊपर करते हुये उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। इस पर भी मोना आंटी चुपचाप अपनी करवट लेटी रही और मैं समझ गया आज वह पूरे चुदने के मन आयी है। और उनकी खामोशी को हां समझ कर मैंने उनके बूब्स को और जोर से मसलना शुरू कर दिया तो धीरे धीरे उनकी सिसकियां निकलने लगी। इसी बीच मेरा लंड भी अपना आकार बढ़ाने लगा और उनकी फूली गाड़ से टकराने लगा।

आज बहुत दिन बाद मेरा लंड किसी नई और हरी भरी गाड़ से टकरा रहा था। फिर मैं उनको सीधा करके जब मैं उनके होठों के पास पहुंचा तो जानबूझ कर झटके से उठकर उनसे अलग हो गया और बोला कि मोना आंटी आप हैं, मैं तो अपनी मकान मालकिन को समझ रहा था और साॅरी बोलकर झूठे मन से कमरे के बाहर आने लगा तो मोना ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे रोक लिया और बोली कि ऐसा क्या तुम्हारी सीमा आंटी में जो मुझमें नहीं, मैं भी स्मार्ट हूं, जवान हूं और अगर मैं चाहू तो मेरे पीछे भी लड़को की लाइन लग जाये, पर मैंने सीमा से तेरी बहुत तारीफ सुनी थी इसलिये मैं तेरे पास आयी हूं और इतना कहते ही वह मेरे पास आयी और मेरे कंधो में अपने हाथ डालकर अपने रसीले होठों को मेरे होठों पर रख दिया और धीरे धीरे से चूमने लगी।

अब मैं भी मन ही मन खुश था क्योंकि मेरा प्लान एकदम सही रास्ते पर जा रहा था। choot chudai

पर फिर भी मैंने जानबूझ कर कोई रिसपांस नहीं दिखाया तो मोना आंटी ने मेरे होठों को दबाना शुरू कर दिया तो फिर मुझसे न रहा गया और मैं भी उनका साथ देने लगा और उनके होठों को दबाकर चूमने लगा। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उनको बेड पर लाकर पटक दिया और उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा।

और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।