पति को धोखा नहीं दे सकती

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में बहुत अन्दर तक डाल कर उसके उस संवेदनशील अंग को कुरेदा, जिससे वो एकदम से पानी-पानी हो गई और उसने अपनी टाँगें खोल दी।

मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में करना और तेज कर दी।

वो सिसकरियाँ ले रही थी, उसके मुँह से कामोत्तेजनावश कामुक शब्द निकल रहे थे, ” सतीश मेरी जान लेगा क्या? अब नहीं रहा जाता मुझे चोद दे हरामी ईई !”

उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था। पूरे कमरे में मस्त आवाज गूँज रही थी, मानो जैसे कोई संगीतकार कामुक गाना गा रहा हो।

मेरा लौड़ा भी अब रुकने को राजी नहीं था। मैंने उसकी ब्रा और पेन्टी उसके शरीर से निकाल दिए।

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अब वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी उसका बदन खजुराहो की मूर्ति सा लग रहा था।

उसके उरोज तेज साँसों के कारण ऊपर-नीचे होते देख कर यही लग रहा था की वो अप्सरा सी सुन्दर लगने वाली, मेरी आग शांत करने के लिए नीचे धरती पर उतर आई थी।

मैंने मोर्चा सम्भाला और उसके ऊपर चढ़ गया, उसकी चूत में उंगली करने लग गया।

एक हाथ से उसके मम्मे दबाते रहा और उसको चूमता रहा।

आप ये मस्त सेक्स कहानी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. वो बहुत गर्म हो चुकी थी और थोड़ी ही देर में स्खलित हो गई, एकदम से शांत हो गई।

कुछ पलों के बाद उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे चूसने लगी। वो मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी।

मैं पहले ही बहुत उत्तेजित था और कण्ट्रोल नहीं कर पाया।

उसके मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा, और तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उसने मेरे वीर्य को पूरा चूस लिया जैसे कोई उसे अमृत पिला रहा हो।

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मेरा लंड अब छोटा हो रहा था। उसने फिर से उसे चूस कर बड़ा कर दिया।

थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने लंड उसके मुँह से निकाल कर उसे चूमा और उसकी बुर में उंगली करने लगा। वो भी फिर से गर्म हो गई थी।

मैंने लंड उसकी चूत की दरार पर रखा और लंड से चूत को ऊपर से कुरेदा, मैंने उसको कंडोम दिया, उसने वो कंडोम मेरे लंड पर लगाया।

मैंने उसके मम्मे चूसे, वो बहुत गरम होकर मचलने लगी थी।

मैंने अपना लंड उसके चूत पर रखा, उसकी दोनों टाँगें अपने कन्धे पर रखीं, मैंने लंड को एक धक्का दिया पर मेरा लंड फिसल गया।

दो तीन बार ऐसा हुआ।

उसने हँसते हुए कहा- इतना बड़ा लौड़ा लिए घूमता है, और घुसेड़ना आता नहीं है?

मेरा लंड हाथ में लिया और चूत पर रख दिया।

मैंने थोडा सा जोर लगाया, मेरा लंड का सुपाड़ा अन्दर चला गया। वो मेरे लौड़े को अपने हाथ से अब भी पकडे थी।

उसके बाद मैने और जोर से धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया।

वो चीखी। अब शायद उसे दर्द हो रहा था। उसने मुझे रुकने के लिए नहीं कहा क्यों कि उसे भी मजा आ रहा था।

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मैंने और जोर से धक्का दिया। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। उसकी एक जोर की चीख निकलने ही वाली थी।

उसी समय मैंने उसके होंठो पर अपना हाथ रख दिया।

कुछ देर लण्ड को खेलने से रोक कर मैंने अपने होंठों से उसके दुद्दुओं को चूसा तो उसे कुछ राहत मिली।

आप ये मस्त सेक्स कहानी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. चुदाई कार्यक्रम फिर चालू हो गया।

मैं उसे 15 मिनट तक अलग-अलग पोजीशन में लगातार चोदता रहा।

वो झड़ चुकी थी। कुछ और दमदार शॉट मार कर मेरा माल भी निकल गया।

उसके बाद हम दोनों ने तीन बार चुदाई की।

बाद में एक दिन मैंने उसकी गांड भी मारी।

वो सेक्स कहानी (sex kahani) मैं बाद में बताऊँगा।