पिंकी मामी की चिकनी चूत

मैं यह कोशिश कर रहा था कि अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दूँ.. पर जीभ छोटी थी और चूत बहुत गहरी… मैं मामी के ऊपर ही लेट गया और उसकी टाँगें मोड़ दीं.. जिससे उसकी चूत खुल कर सामने आ गई.. अब मैं ऊपर से लेकर नीचे तक उसकी चूत की सारी दरार में अपना मुँह फिरा रहा था और ऊपर से नीचे उसकी गाण्ड तक चाट रहा था। मैंने अपने बाएं हाथ का अंगूठा उसकी चूत में डाल कर आगे-पीछे किया तो मामी तड़प उठी।

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वो बार-बार कमर उचका रही थी। मैंने अपना अंगूठा कभी उसकी चूत के अन्दर तो कभी उसकी गाण्ड के छेद में करता रहा और जब वो कमर उठाती तो मेरा अंगूठा उसकी गाण्ड में घुस जाता। ऐसे ही करते-करते मैंने अपना पूरा अंगूठा उसकी गाण्ड में पेल दिया। अब उसने भी मेरी चड्डी उतार दी और मेरे लंड को दोनों हाथों से पकड़ लिया। मैं समझ गया था कि वो क्या चाहती है। मैं थोड़ा पीछे हटा तो मेरा लंड बिल्कुल उसके मुँह के ऊपर आ गया और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया।

वाह.. मेरे लंड के आस पास.. उसके नर्म होंठों का.. क्या मस्त अहसास था। जब उसने लंड मुँह में लिया तो मैंने थोड़ा सा नीचे को ज़ोर लगाया और मेरे लंड का सुपारा उसके मुँह में खुल गया। उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह की गहराई में समा लिया। अब मैं नीचे उसकी चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ उसका मुँह चोद रहा था। कुछ देर ऐसे ही चलता रहा। फिर मामी ऊपर आ गईं और उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी।

मैं चाटने लगा और वो मेरे मुँह पर बैठी अपनी कमर हिलाने लगी। वो पूरे मज़े से चूत चटवाने का आनन्द ले रही थी। ‘वीरू.. मेरी गाण्ड चाट..’ वो बोली। मैंने उसकी गाण्ड में भी जीभ फेरी तो वो अपनी कमर मेरे मुँह पर हिलाती रही। उसकी चूत के पानी से मेरा सारा मुँह भीगा हुआ था और उसके स्तनों से टपकते दूध ने मेरे बदन और बिस्तर गीला कर दिया था। वो झुकी और मेरे लंड पे टूट पड़ी। मस्ती से चूसते हुए उसने कई बार मेरे लंड पर काट लिया।

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‘वीरू सिर्फ़ चाट मत.. इसको दांतों से काट.. खा..’ जैसे ही मैंने काटा… तो उसको थोड़ा दर्द हुआ.. पर उसने मना नहीं किया, मैं कभी काटता तो कभी चाटता… वो बड़े ज़ोर से अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ती रही और मेरे लंड को पागलों की तरह चूसती रही। फिर जैसे बिजली गिरी हो.. वो एकदम से तड़प उठी.. उसने इतने ज़ोर से अपनी चूत से मेरा मुँह दबा दिया कि मेरा तो साँस ही बंद हो गया। मेरा पूरा लंड उसके मुँह में था.. उसने बिल्कुल मेरे लंड की जड़ में जा कर ज़ोर से काटा.. मैं तो वहीं खल्लास हो गया..

मेरे लंड से उसके मुँह में पिचकारियाँ छूट गईं। कुछ उसके मुँह के अन्दर चला गया और कुछ बाहर गिर गया। मुझे ऐसे लगा जैसे मेरा मुँह खट्टे-नमकीन पानी से भर गया हो.. उसकी गाण्ड के बोझ से दबा मैं हिल नहीं सकता था.. सो उस पानी को पी गया। काफ़ी देर हम ऐसे ही निढाल होकर लेटे रहे। फिर वो एक तरफ को लुढ़क गई। मैंने उसको देखा एक गोरी-चिट्टी सुंदर पंजाबी लड़की मेरे सामने खल्लास हो कर नंगी पड़ी थी।

करीब आधा घंटा हम लेटे हुए एक-दूसरे को देखते रहे। फिर मैंने कहा- मामीज़ी, मैं चुदाई करना चाहता हूँ.. ‘और ये जो किया.. वो क्या था?’ ‘नहीं ये तो ठीक है.. पर मैंने आज तक किसी लड़की को नहीं चोदा है, प्लीज़ मेरा उद्घाटन करवा दीजिए। मामी हँसी- तो तूने आज तक कभी नहीं किया ना.. कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? ‘नहीं.. बस अब तो आप ही हो.. जो भी हो..’ ‘अच्छा.. पहले ये बता इन्सेस्ट क्या होता है?’

Mami ki Chudai > सनी लियोन की सोफे पर चुदाई

‘अपने रिश्तों में चुदाई करना.. जैसे माँ.. बाप.. भाई-बहन… बाप-बेटी.. माँ-बेटा.. मामी (mami) भांजा.. चाचा-भतीजी.. इसे रिश्तों में चुदाई कहते हैं.. समझ गई पिंकी डार्लिंग! ‘ओये होये.. मर जावां गुड़ खा के… चल आजा..’ यह कह कर मामी ने अपनी टाँगें मेरी तरफ कर के खोल दीं, मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी। मेरा भी शेर एक मिनट में ही खड़ा हो गया। पिंकी ने अपनी टाँगें उठाईं और मेरे लंड को अपने चूत के मुँह पर रख लिया।

मैंने धीरे से उसे उसकी चूत में उतार दिया.. अब मैं चुदाई करने लगा। मामी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए। मुझे नमकीन सा स्वाद आया, ‘आपके होंठ नमकीन हैं..’ ‘और तेरे खट्टे हैं..’ ये कह कर वो हँस दी और बात समझ कर मैं भी हँस दिया। आज 25 साल हो चुके हैं.. मामीज़ी के बच्चे जवान हो चुके हैं.. मेरी भी शादी हो चुकी है.. पर आज भी मैं अपनी ज़िंदगी की इस पहली चुदाई अनुभव नहीं भूला हूँ।

Mami ki Chudai > सेक्स की भूखी आंटी की रसीली चुत

उसके बाद भी हमने बहुत बार चुदाई की और आज भी अगर मौक़ा मिलता है तो उसे छोड़ते नहीं हैं।