नागपुर में मस्त भाभी

चुम्बन करते-करते मैंने उसके मम्मों के ऊपर भी हाथ साफ़ कर लिया।

फिर उसके कपड़े उतार दिए।

अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में मेरे सामने खड़ी थी।

काफी देर तक उनके जिस्म के साथ खेलने के बाद मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मे उछल कर मेरे सामने आ गए और मैं आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गया।

मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा… वो भी पूरी तरह से गरम हो गई थी।

फिर कुछ देर बाद उसकी पैन्टी भी उतार दी..

तो मैंने देखा की उसने चूत के बाल साफ़ नहीं किए थे..

मैंने पूछा- यार ये क्या है.. कम से कम बाल तो साफ़ कर लेतीं..

Nangi Bhabhi ki Chudai > मेरी बहन की कच्ची चूत

उसने बोला- यार.. आज तो सब कुछ आपके साथ ही करना है..मेरी झांटों को तुम ही बना दो न..

तो मेरा दिल और भी ज्यादा खुश हो गया।

उसके इतना बोलते ही मैंने उसे पकड़ा और बाथरूम में नीचे लिटा दिया और वहाँ से रेज़र जो कि पहले ही तैयार रखा था..

उसे लेकर उसकी चूत के बालों को साफ़ किया।

दोस्तो.. मैं जैसे-जैसे उसकी चूत के बालों को साफ़ कर रहा था..

वैसे-वैसे उसकी गोरी गुलाबी चिकनी चूत..

मेरे सामने आती जा रही थी और मेरा लंड टाइट होता जा रहा था।

अब कुछ दस मिनट तक बहुत ही ध्यान रख कर मैंने उसकी चूत की सफाई की और बहुत ही ध्यान से चूत की दाड़ी बनाई..

ताकि कहीं उसकी चूत पर कहीं भी ब्लेड की चोट न लग जाए।

Nangi Bhabhi ki Chudai > बगलवाली मस्त आंटी

मेरी लगभग 20 मिनट की मेहनत के बाद उसकी एकदम गोरी और गुलाबी चिकनी चूत मेरे सामने थी।

यार उस चूत को कोई भी देख ले तो पागल हो जाए… तो हमें बाथरूम में कुछ एक घंटे से ज्यादा वक्त लग गया और इस बीच मैंने उसको पूरा गरम कर दिया था।

मैं इस दौरान उसकी चूत और मम्मों के साथ जम कर खेला।

अब बाथरूम से नहा कर हम कमरे में आ गए। हम दोनों ही नंगे थे.. हमारे पूरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था।

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखों में चुदाई का नशा बुरी तरह छा चुका था।

उसकी मदभरी आँखें.. जैसे बोल रही हों- प्लीज यार आज तो मुझे चोद कर अपनी रंडी बना लो.. अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था…

तो मैं भी उसके ऊपर किसी भूखे शेर की तरह टूट पड़ा..

लेकिन चुदाई का नियम है न कि बिना चुम्मा-चाटी और पूरे मज़े दिए बिना लड़की को खुश कर पाना नामुमकिन है..

Nangi Bhabhi ki Chudai > बॉस ने की माँ की चुदाई

सो मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और उसे बिस्तर पर लिटा कर चुम्बन करने लगा और मम्मों को दबाने लगा।

वो एकदम पागल हो रही थी और बुरी तरह से सीत्कार रही थी- अह्ह्ह अमित.. कम ऑन प्लीज.. चोद दो मुझे…

लेकिन मैंने सोचा कि आज इसे पूरा खुश करना है ताकि इसकी ज़िन्दगी की सारी कमी एक बार में ही पूरी हो जाए..

तो मैंने उसे चुम्बन करना और मम्मों को मसलना चालू रखा और जब तक वो पूरी तरह से गरम नहीं हो गई..

मैं उसे चुम्बन करता रहा और उसके मम्मों को जोर-जोर से दबाता रहा।

लेकिन ऐसा करने से वो पूरी तरह भड़क गई और मुझे नोचने लगी और वो अपना कण्ट्रोल खो चुकी थी।

सो अब वो जोर-जोर से रोने लगी- प्लीज़ अमित मेरी चूत मार लो.. वरना मैं मर जाऊँगी।

Nangi Bhabhi ki Chudai > मोनिका की कुंवारी चूत

लेकिन यार अभी तो उसकी चूत चाटना भी बाकी था और उसे लंड भी चुसवाना था।

मैंने उसकी चूत की तरफ मुँह किया और और उसको चाटना चालू किया तो वो और ज्यादा भड़क गई।

मैंने करीब 15 मिनट तक लगातार बिना रुके उसकी चूत चाटी।

अब मैंने उसे सीधा लिटा कर अपने लंड को उसके मुँह के अन्दर पेल दिया और उसके मुँह को चोदने लगा और फिर कुछ देर बाद हम 69 की अवस्था में आ गए।

काफी देर चूत चाटने के बाद मैंने उसे एकदम मदमस्त कर दिया और फिर वो बुरी तरह तड़फने लगी।

अब मैंने देर न करते हुए उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड उसकी चूत पर रख एक जोर का झटका मारा..

जिससे वो सहन नहीं कर पाई और बहुत जोर से चिल्लाई- उई..माँ.. प्लीज इसे बाहर निकालो…

Nangi Bhabhi ki Chudai > ट्रैन वाली मस्त आइटम की चोदा

तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और कुछ देर तक उसकी चूचियों को मींजने लगा।

वो कुछ देर के बाद सामान्य हो गई।

मैंने फिर से उसे चोदना चालू किया और एक ज़ोरदार झटका मारकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया..

जिससे उसकी आँखों से आँसू आ गए। अब कुछ देर बाद वो एकदम सामान्य हो गई और गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी।

मैंने भी अपने धक्के लगाने की रफ़्तार बहुत ही ज्यादा तेज़ कर दी।

अब वो फुल एन्जॉय कर रही थी..

मैंने उसे लगभग 30 मिनट तक लगातार चोदा जिससे वो उत्तेजित हो कर अकड़ गई और झड़ गई उसके बाद उसकी चूत के गर्म रज से मैं भी अन्दर ही झड़ गया।

तो उस जबदस्त हॉट भाभी के साथ ये मेरा पहला राउंड था और हमने उस दिन 2 बार और चुदाई की।

Nangi Bhabhi ki Chudai > हॉट लड़की ने घर बुला कर चुदवाया

मैं वहाँ कुल तीन दिन रुका और इन 3 दिनों में हमने कम से कम 12 बार चुदाई का मजा लिया।

अब मेरा जाने का समय आ गया था लेकिन दोस्तों मेरा जाने का मन नहीं कर रहा था।

जाते समय मैंने उससे बोला- आपको कभी भी जरुरत हो तो बताना.. मैं आपके लिए हमेशा तैयार हूँ।

मेरी शाम की ट्रेन थी…

उसने मुझे कुछ पैसे दिए और स्टेशन तक छोड़ने आई और मैं वापिस जयपुर चल पड़ा।