मैंने उसको दुबारा कमर से पकड़ कर अपने करीब किया और उसके होंठों पर एक चुम्बन किया और बोला- बानू… गाण्ड तो मैं तेरी ज़रूर मारूँगा.. मगर यकीन कर… एक बार थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर ले अपने भाईजान के लिए…देख मैंने तेरे लिए क्या नहीं किया… बाकी सब मैं खुद संभाल लूँगा…
मैंने फ्रीज़र खोला और उसमें रखा हुआ मक्खन निकाल कर अपने हाथ पर लिया।
बानू नंगी खड़ी मुझे देख रही थी।
मेरा लंड उस वक्त पूरा खड़ा था और कड़क डंडा सा हो गया था।
मैंने सारा मक्खन अपने लंड पर मल दिया… अब मेरा लंड बहुत चिकना सा हो गया।
फिर मैंने बानू को चूमा और उसको घुमा दिया।
बानू परेशान-परेशान सी दिख रही थी- भाईजान… प्लीज़… देखो… मैं तुम्हारी बात मान रही हूँ… मगर आराम से करना.. मुझे दर्द नहीं होना चाहिए…
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मैंने उसके दोनों हाथ डीप-फ़्रीज़र पर रखे.. और वो झुकी सी कुतिया जैसी बन चुकी थी उसकी गाण्ड बाहर को निकली हुई थी, जो मक्खन मेरे हाथ में बचा था..
उसे मैंने उसकी गाण्ड के छेद पर मला और बोला- बानू…बस तू फिकर ना कर.. तू मेरी इतनी प्यारी बहना है…मैं तुझे कोई तकलीफ़ कैसे दे सकता हूँ… मैं तो सिर्फ़ तुझे मजे ही देता हूँ ना…आज के बाद देख लेना तू खुद कहेगी…कि मेरी गाण्ड मारो…
मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी छोटी सी गाण्ड की मोरी पर रखा और ज़ोर लगाया…
लंड और बानू की गाण्ड चिकनी होने की वजह से… टोपा तो आराम से अन्दर चला गया।
अब मैं दोनों हाथ आगे बढ़ा कर बानू के झूलते कबूतर पकड़े और ज़ोर लगा कर अपना लंड बानू की गाण्ड के अन्दर ठेलने लगा।
चिकनाहट की वजह से लंड आराम-आराम से अन्दर जा रहा था।
बानू आगे को हो रही थी… ताकि लंड उसकी गाण्ड में ना घुसे… मगर मैंने उसके मम्मों से उसको अपने लौड़े की तरफ खींचा और एक तगड़ा झटका दिया।
Gaand Chudai > गुजरती भाभी की चुत चोदी
मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया… मैं उसके साथ पीछे से लिपट गया।
बानू की चीख निकल गई- भाईजानआअ… आआहह… बसस्स… बसस्स .. प्लीज़… रुक जाओ… मेरी गाण्ड फट रही है… प्लीज़ भाईजान…
मैं बानू को चुम्बन करने लगा… गर्दन पर… कमर पर… और एक हाथ से उसके मम्मे भी दबा रहा था और दूसरे हाथ को उसकी फुद्दी पर ले गया… और रगड़ने लगा।
अब मैं आराम-आराम से अन्दर-बाहर करने लगा।
‘बानू बस… अब तो सब खत्म हो गया…अब तो तू मज़े में झूला झूलेगी…’ थोड़ी देर के बाद… बानू अपनी गाण्ड की चुदाई का आनन्द लेने लगी…
मैं आराम-आराम से धक्के मार रहा था और बानू मेरे आगे अपनी गाण्ड को बड़े प्यार से घुमा रही थी।
‘उफफफ्फ़… जानू…आआहह…’ अब मैं छूटने लगा था… उसकी गाण्ड बहुत कसी हुई थी।
Gaand Chudai > रुकसाना हिजड़ा का गधे जैसा लंड
‘आहह…बानूउऊ…मेरी बहना… उफफफफफ्फ़… तेरी मस्त गाण्ड…आअहह…’ एकदम से मैं उसकी गाण्ड के अन्दर ही छूट गया और अपना लंड बाहर निकाल लिया।
बानू फ़ौरन वापिस घूमी और अपने घुटनों पर बैठ कर मेरा लण्ड चूसने लगी और माल की एक-एक बूँद साफ कर ली।
‘भाईजान… वाकयी…गाण्ड की चुदाई को तो बहुत मस्त है… मैं तो ऐसे ही डर रही थी…’
मैं अपनी 18 साल की सौतेली बहन के मासूम चेहरे को देख रहा था..
जो मेरा लण्ड किसी लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।
उफ़…कितनी मादक है मेरी बहन… मैं उसके मम्मे दबाने लगा।
वो खड़ी हुई और मुझसे लिपट गई… मेरा लण्ड उसके पेट के साथ छुआ तो…उसको दुबारा ठरक चढ़ गई।
Gaand Chudai > बॉस ने की माँ की चुदाई
मैंने उसको एक चुम्मी की- उम्म्माआहह… बानू अब तो खाना पका…मैं ज़रा शावर ले कर आता हूँ… बाकी काम खाने के बाद… मैं बाथरूम में चला गया..
मैंने फुव्वारा खोला और अभी ठंडा पानी मेरे ऊपर गिरना शुरू ही हुआ था कि किसी ने मुझे पीछे से अपनी बाँहों में ले लिया…
मैंने देखा तो बानू भी वहाँ नंगी खड़ी थी…
मेरी प्यारी चुदक्कड़ बहन… उस के छोटे-छोट अमरुद…उसकी तंग सी फुद्दी… कन्धों तक बाल…उफ़फ्फ़… कितनी कामुक लग रही थी वो…
‘भाईजान… खाना तो बाद में ही बना लूँगी… मगर आपके साथ नहाने का मौका रोज़-रोज़ नहीं मिलता…’
वो मुस्कराते हुए इतनी क्यूट लग रही थी…
कि मेरा लंड दुबारा खड़ा होने लगा। sexy story