कश्ती पर मस्ती

ठंडे पानी से उसके जिस्म में एक सिहरन सी उठी और फिर मैंने तुरंत उसे खुद से पूरी तरह चिपका लिया।

एक बार फिर से हमने चूमाचाटी करना शुरु किया।

कब उसके गले को चूमते हुए उसके गोरे-गोरे दूध कलशों को चूसना शुरू किया।

वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी। मैं उसके जिस्म को चूसते चूसते उसकी चूत तक आ पहुँचा।

पर आज उसकी चूत का नजारा अलग था दोस्तो… आज उसने अपनी चूत को बिल्कुल साफ़ किया हुआ था।

ऐसी प्यारी चिकनी गुलाबी चूत देखकर तो मैं बस पागल सा ही हो गया था।

मैंने तुरंत उसकी चूत को पहले चूमा, फिर अपनी जीभ से उसकी चूत को रगड़ना शुरू किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं!

नेहा के मुख से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी।

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‘ऊऊम्म्म आआह्ह ह्ह्ह ऊउम्म… आस्श्हश्ह्श्श… उम्म्म्म…’ उसने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया।

5 मिनट में ही उसकी चूत का पानी निकल गया।

अब मैंने अपना लंड उसके सामने किया तो वो बड़े मादक तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी।

दोस्तो, लंड चुसवाकर जो आनन्द की अनुभूति होती है वो बयाँ कर पाना नामुमकिन है।

क्यूंकि वक़्त का तकाजा था तो हमने जल्दी ही चुदाई करने की सोची।

आज नेहा ने मुझे नीचे लेटने को कहा और वो खुद पहले ही ऊपर आ गई।

उसने एक हाथ से मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर सेट किया और धीरे धीरे पूरा लंड चूत में लेने लगी।

मैंने पहले उसकी गोरी चिकनी गांड को दबाया और सहलाया।

फिर उसकी गांड को पकड़कर उसे जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगा।

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5 मिनट में ही नेहा थकने लगी तो मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू किया।

अब मैंने नेहा को नीचे लिटा दिया।

पहले उसकी चूत को एक बार निहारा।

क्या बताऊँ दोस्तों कितनी प्यारी लग रही थी उसकी गुलाबी चूत… फिर उसकी चूत को पहले चूमा और उसकी दोनों टांगों को ऊपर कर दिया।

अब उस पर झुक कर अपना लंड उसकी गुलाबी चूत के मुहाने पर सेट किया।

नेहा भी चुदने को पूरी तरह बेताब थी।

तो देर न करते हुए मैंने एक तेज झटका मारा और पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत में घुसा दिया।

उसके मुख से एक चीख निकली, मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।

दस मिनट तक की चुदाई के बाद मेरा झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और नेहा को चूसने को दिया।

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दो मिनट की चुसाई के बाद लंड ने अपना सारा माल उसके मुख में निकाल दिया।

नेहा ने एकदम सारा माल बाहर थूक दिया और उसे कुछ उक्लाहट सी हुई।

तब मैंने उसे प्यार से समझाया कि बाबू ये तो प्यार का असली स्वाद है इसे भी प्यार करना चाहिए।

तो फिर उसने दो मिनट और लंड चूसा।

फिर मैंने कपड़े पहन कर नाव वाले को बाहर देखा तो उसने बोला कि एक घंटा होने वाला है अब वापस चलना होगा।

इसलिए हम वापस आने लगे।

अन्दर आकर नेहा और मैं एक बार फिर एक दूजे को किस करने लगे।

दस मिनट तक हमने खूब किस की और इतने में हम स्टैंड पर पहुँच गये।

उसके बाद हमने पेपर दिया और शाम को घर वापस लौट आये।

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तो दोस्तो, यह थी मेरी और नेहा की वास्तविक चुदाई के पलों की दास्ताँ।

आशा करता हूँ आपको पसंद आई होगी।