मेरी बीवी दो कमरों और हॉल से होती हुई, बाल्कनी में जा पहुँची और बाहर से दरवाजा बंद करने लगी।
लेकिन उससे पहले ही वो वहाँ पहुँच गया और दरवाजे को ज़ोर से धक्का दिया, जिससे बीवी पीछे की ओर हो गई और दरवाजा खुल गया।
मेरी बीवी ने कहा- प्लीज़ नहीं.. मुझे रंगों से डर लगता है।
तो वो बोला- अरे डरने की क्या बात है.. आज सारा डर निकाल देते हैं।
फिर वो मेरी बीवी को पकड़ने लगा, पर बीवी उससे बच रही थी।
यह देख कर उसने बीवी को एकदम से झपट्टा मार कर पेट से पकड़ कर उठा लिया और इसी तरह उठा कर हॉल में ले आया।
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यह सब इतना जल्दी हुआ कि मेरी बीवी समझ ही नहीं पाई।
जैसे ही वो समझी.. वो चिल्लाई, तो मैं अन्दर आने लगा।
तो मेरे दोस्तों ने रोक लिया और कहा- होली है यार थोड़ा बहुत तो चलता है।
फिर वो मेरी बीवी को पकड़ कर बाथरूम में ले गया और उसको दबा कर खड़ा हो गया।
उसने अपनी जेब से रंग निकाला और साथ ही फव्वारा चालू कर दिया।
मेरी बीवी पूरी भीग गई, जिससे वो और भी मस्त और मादक दिखने लगी।
उसके कपड़ों के अन्दर का नजारा उसकी पतली साड़ी के आर-पार से सब दिखने लगा।
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वो शर्म के मारे दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हो गई।
बॉस ने रंग हाथ में लिया और मेरी बीवी के मुँह पर पूरा ज़ोर लगा कर रगड़ने लगा।
आगे से देखने पर मेरे बॉस को पता चला कि मेरी बीवी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उसके चूचुक दिख रहे थे।
मेरी बीवी के मुँह पर रँग रगड़ने के बाद उसने थोड़ी सी पकड़ ढीली की.. तो बीवी भागने लगी।
लेकिन उसने फिर पकड़ लिया और कहा- अभी तो रंग लगाया ही कहाँ हैं।
फिर बॉस उसको दबोच कर खड़ा हो गया, जिससे वो भाग ना सके और रंग की डिब्बी खोली।
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इस बार उसने आधी डिब्बी रंग हथेली पर लिया और बीवी की तरफ हाथ बढ़ाया और फिर पूरे मुँह पर, गर्दन पर और हाथों पर रंग लगा दिया।
इसके बाद बॉस उसके गले से लग गया और उसे अपनी बाँहों में भर कर ‘हैप्पी होली’ कहने लगा।
यह देख कर वो घबरा गई और चिल्लाई… वो मुझे आवाज़ देने लगी।
मैं अन्दर आया, तब तक वो बीवी को छोड़ चुका था।
मेरे आते ही उसने कहा- तू चिंता मत कर.. बस रंग ही तो लगा रहा हूँ।
वो कुछ बोलती इससे पहले उसने रंग लगाने के बहाने उसका मुँह दबा दिया और मैं बाहर आ गया।
इसके बाद वो डर गई और कहने लगी- मुझे छोड़ दो.. क्या कर रहे हो?
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उसने बाल्टी में रंग घोला और बीवी पर पूरी बाल्टी उड़ेल दी।
इसके बाद उसने और रंग लिया और इस बार उसने बीवी की गर्दन और पीठ पर से ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगा दिया।
फिर वो बीवी के मम्मे पकड़ कर दबाने लगा और छाती पर भी रंग लगा दिया।
फिर उसने और रंग लिया और छाती के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगा और मम्मे भी मसलने लगा।
बीवी सिसकारियाँ भरने लगी और वो उन्हें और दबाने लगा।
इस सबसे ब्लाउज के 2 हुक टूट गए और बीवी के मम्मे एकदम निकलने को होने लगे।
फिर बॉस ने उस की गाण्ड दबाई और थोड़ा रंग उसकी पीठ के अन्दर डाल दिया और गाण्ड की दरार में अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगा।
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पूरी तरह बीवी का शरीर मसलने के बाद बॉस ने उसको छोड़ा और कहा- याद रखना मैं तुम्हारे पति का बॉस हूँ।
यह कह कर बाहर चला गया।
मेरी बीवी कुछ देर बाद संभली, उसने अपनी साड़ी को सही किया और अपने ब्लाउज और मम्मों को साड़ी से ढका और बाहर आई।
उसके पूरे शरीर पर रंग ही रंग था।
उसे पूरा काले, हरे, लाल रंगों से रंग दिया था।
उसकी गीली साड़ी और रंग की वजह से और दबाने से उसके मम्मे व गाण्ड और भी मस्त हो गए थे।
बॉस के बाहर जाते ही उसने मुँह धोया और थोड़ा रंग साफ़ किया ताकि रँग चढ़ ना जाए।
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