सेक्स और मेरी सम्वेदनाएँ
indian sex stories हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों और सहेलियों आप सभी सेक्स की कहानी के पाठक हैं ये बात जानके मुझे बड़ी ख़ुशी मिली और संतुष्टि भी क्यूंकि सेक्स को हमारे देश में एक अलग रूप में परोसा जाता है | दोस्तों ये गलत काम तो नहीं है और न ही इसके कोई दुष्परिणाम होते हैं | पर फिर भी न जाने क्यूँ लोग इस गलत नज़रिए से देखते हैं | हां, अगर मैं कहूँ किसी लड़की या लड़के के साथ जबरन सम्बन्ध बनाये जाए या उसका बलात्कार किया जाए ये गलत है पर इसके पीछे का भी कारण सोच ही तो है | अगर मैं छोटे कपडे पेहेन के कही जाऊं तो सब मुझे गलत नजरों से देख के कहेंगे देखो इसके माँ बाप ने कुछ सिखाया नहीं इसके साथ कही कुछ गलत हो गया तो | पर मेरा सिर्फ एक ही प्रश्न है ऐसा क्यों ? अगर मैं उस छोटे से कपडे में खुश हूँ और मुझे कोई दिक्कत नहीं है तो ज़माने को उससे आपत्ति क्यों ? तो दोस्तों आप समझ तो गए होगे कि आज मैं आपसे क्या बात करना चाहती हूँ ? मैं कुछ नहीं आज आपसे बस अपना एक पुराना किस्सा साझा करना चाहती हूँ जिससे आपको पता चल जाएगा कि लोग किस हद तक सोच सकते हैं |दोस्तों मेरा नाम चारु है और मैं कानपूर से हूँ | पापा एक बड़े अफसर हैं तो उनके पास बचपन से ही मेरे लिए वक़्त नहीं था | हाँ पैसे ढेर सारे थे जिसको उड़ाते उड़ाते मैं थक चुकी थी | माँ मेरी बड़ी ही भोली सी थी जो मेरी हर बात में सहमत हो जाती थी और सच कहूँ तो उस औरत को देख के लगता है कि इसके जैसी माँ सबको मिले पर इतनी भोली भी न रहो माँ | आपकी बेटी पे नज़रे डालने वाले हज़ार भेडिये बाहर बैठे हैं | मैं हमेशा एक रहीस की बेटी के टंगे के साथ रही और सच बताऊँ तो मुझे ये बिलकुल पसंद नहीं था | दिखने में मैं बिलकुल पारी जैसी थी और मैं चाहती थी मेरा राजकुमार बिलकुल साधारण इंसान हो | पर स्कूल में मेरे पास उन बिगड़े लडको के अलावा कोई देखता नहीं था और मुझे उनमे कोई दिलचस्पी नहीं थी | एक लड़का था अतुल जो की बहुत सीधा सा था और कही न कही वो मुझे पसंद भी करता था पर हर बार की तरह मेरी हैसियत बीच में आ जाती | मैंने कई बार उसे इशारा दिया और उसकी मदद भी की पर वो “पागल”|जैसे ही ये शब्द मेरे ज़हन में आता है एक हलकी सी मुस्कान चेहरे को घेर लेती है | और हो भी क्यूँ न उसे मैं प्यार से पागल जो कह्रती थी | मेरे लिए हमेशा खड़े रहने वाला पर डरपोक मेरा “पागल अतुल”|मैं हमेशा सोचती थी यार भगवान् कुछ भी करके इसे मेरी किस्मत में लिख दो पर आजकल चमत्कार नहीं बलात्कार होते है ये मैं जान चुकी थी | कुछ दिन बाद पता चला बेचारा अपने पिता जी को खो चूका है और स्कूल छोड़ के कहीं काम करने जा रहा है | मैं दुखी थी पर इतना विश्वास था उसपे कि ये जादूगर है ये मुझे कभी न कभी टकराएगा भविष्य में और मुझे चौंका देगा | ठीक ये भी बीत गया और मेरा सिलेक्शन भारत के एक प्रसिद्द कॉलेज में हो गया मेरे पापा की दम से |आज भी मुझे याद है वो मेरा पहला दिन था और लेक्चर के लिए सब लोग बैठे थे | यहाँ दाखिला पाने के लिए बच्चे मरते हैं पूरा जीवन लगा देते हैं वहां मेरे अतुल प्यारे फटी जीन्स और खुले जूते पेहेन के हाथ में कॉपी घुमाते हुए आ रहे थे | यार वाकई में लड़का बदल गया था और काफी सुन्दर हो गया था | लेक्चर चालु था अतुल जी आये बिना पूछे और बैठ के सबको देखने लग गए |कुछ देर सब ठीक था मैं भी लेक्चर में लग गयी | लेकिन तुरंत एक आवाज़ मेरे कानो में गूंजते हुए पूरी क्लास मैं फ़ैल गयी | अरे वाह !!! मेरी लाल छड़ी ऐसा मतलब ! मैंने उसको देखे हसी और फिर दरी मतलब कुछ समझ ही नहीं आ रहा था अपने पागल पे खुश हो जाऊं या टीचर से डर जाऊं | ऐसा बदलाव आ गया था अतुल में | टीचर ने कहा अतुल सर आप किसी भी क्लास में बच्चों को डिस्टर्ब कर देते हैं | अतुल ने कहा सर आदत है क्यूंकि बच्चे अपनी क्लास के बाद आते तो मेरे ही पास हैं | घंटा उन्हें लेक्चर में कुछ समझ आता है !!!मैं बड़े अच्छे से सब सुन रही थी और सोच रही थी साले गधे काश स्कूल में तेरे पास इतनी हिम्मत होती | पर अच्छी बात यह थी कि सब अच्छे से निपट गया और टीचर भी पढ़ा के चले गए | सब बच्चे भी चले गए फिर हम दोनों एक दूसरे के पास आये | उसने कहा देख मत ! पता है तेरे बिना इतने साल कैसे कटे हैं मेरे ? मैंने कहा हाँ मैं तो जैसे ऐश कर रही थी | हस्ते हुए उसने मुझे गले लगा लिया और कहा यार बस अब तेरे बिना नहीं रहना बोहत प्यार करता हूँ तुझसे | मैं तो जैसे रेगिस्तान की उस तपती भूमि की तरह महसूस कर रही थी जिसपे बारिश की पहली बूँद पड़ती है | अब ऐसा लग रहा था मैं तृप्त हो गयी | मैंने कहा वो तुझे सर क्यूँ कह रहे थे उसने कहा मैं यहाँ पे पढता हूँ और पढाता भी हूँ जूनियर प्रोफेसर हूँ डिग्री के बिना सरकारी नौकरी | तेरे अतुल ने साड़ी इबारतें पलट दी | मैंने कहा मुझे तुझपे भरोसा था अब मैं गर्व से तुझसे शादी करुँगी और वो भी अगले महीने |
मैं कॉलेज में भी छोटे कपडे पहनती और कई लोग मुझे बुरी नज़रों से देखते पर अतुल उन सब को डरा के रखता | में खुश थी पर एक दिन मेरे एक प्रोफेसर ने मुझपर गलत डाली और अतुल कॉलेज में नहीं था | मैं अकेली थी और उस दिन मेरा बलात्कार हो ही गया था पर अतुल की एक छात्रा ने मुझे देख लिया और उसने सब को बुला लिया | मैं बच गयी और गर्व भी हुआ कि मानसिकता बदल रही है लोगों की | इसमें वो लड़के भी थे जो मुझे देख के ताने देते थे मैंने उनका भी शुक्रिया किया और उन्होंने लम्बी लड़ाई के बाद उस प्रोफेसर को निकलवा दिया |अतुल आया और उसने कहा अब से तुम मेरे साथ रहोगी | हम दोनों साथ रहने लगे और एक दिन हम दोनों ही कॉलेज नहीं गए बारिश बहुत तेज़ थी | अब ऐसा समां और उपर से बेपनाह प्यार हमारे बीच कुछ अजीब सा माहोल बना रहा था | अतुल ने मेरी बाहें पकड़ के अपनी ओर खींचा और मैं भी उसको सब कुछ सौंपती चली गयी | धीरे धीरे मेरे सारे कपडे बदन से अलग हो गए और अतुल भी नगन अवस्था में मुझे किस कर रहा था और ये एहसास बड़ा सुखद था | मैंने भी कुछ नहीं कहा और धीरे से अतुल मेरे बूब्स को दबाने लगा और उन्हें चूसने लगा | मेरे लिए सब नया था और एक अलग ही मज़ा आ रहा था इसमें | मेरे अन्दर भी सेक्स की ज्वाला भड़क रही थी | मैंने उसके लंड की तरफ देखा तो वो बहुत बड़ा था और मेरी चूत को फाड़ने के लिए बेक़रार था | धीरे धीरे अतुल नीचे आया और उसने मेरे पूरे बदन को चूम के गीला कर दिया था |अब वो मेरी चूत को चाट रहा था और मैं आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रही थी क्यूंकि ये पहले कभी नहीं हुआ था | मेरी चूत से लगातार पानी निकल रहा था जिसे अतुल पी रहा था | और मैं पागलों की तरह आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रही थी | कुछ देर के बाद जब मैं थक गयी तब अतुल मेरे पास आया और उसने अपना बड़ा लंड मेरे मुह के पास रख के कहा जानेमन इसे थोडा चूस लो बड़ा प्यासा है ये | मैंने जैसे ही उसके लंड को अपना मुह में लिया उसके मुह से एक मादक आवाज़ मेरे कानो में गयी | इस आवाज़ ने मेरा जोश बढ़ाया और मैं जोर जोर से उसके लंड को चूस रही थी और वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था | थोड़ी देर बाद उसके लंड से एक सफ़ेद धार निकली जो मेरे मुह में भर गयी और मैं उसे बाहर थूक दिया | अब हम दोनों फिर से से तैयार थे इस बार अतुल ने मेरी चूत के छेड़ पे अपना लंड रख के एक जोर का धक्का मारा जो मेरी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ सीधे मेरी बच्चेदानी पे टकराया | मेरे गले से आवाज़ नहीं निकल रही थी पर मैं वो दर्द झेलते हुए उसका साथ दे रही थी | वो जोर जोर से मुझे चोद रहा था फिर कुछ देर बाद मैंने आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म की मादक आवाज़ निकाली और हम दोनों २० मिनट बाद झड़ गए | ऐया कई बार हुआ पर हमारी शादी के बाद और अतुल अभी भी मेरी देखभाल बहुत अच्छे से करता है |तो दोस्तों शादी से पहले सेक्स बुरा नहीं है बस साथी सही होना चाहिए |