सुधा ने मेरी गर्मी को बढ़ा दिया

सुधा ने मेरी गर्मी को बढ़ा दिया

Antarvasna, kamukta: मैं अपने दोस्त रमेश को मिलने के लिए उसके घर पर गया था रमेश उस दिन घर पर ही था क्योंकि रविवार का दिन था और उसकी छुट्टी भी थी। रमेश के साथ उस दिन मेरी काफी समय के बाद मुलाकात हुई थी तो मुझे भी रमेश से मिलकर अच्छा लगा और रमेश को भी मुझसे मिलकर काफी अच्छा लगा था। हम दोनों एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं रमेश से मेरी मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी और जब रमेश मुझे कॉलेज में मिला था तो उस वक्त रमेश बहुत ही शर्मीला किस्म का लड़का था लेकिन अब वह लव मैरिज करने जा रहा है। कॉलेज के दिनों में ही वह रचना को बहुत ही ज्यादा पसंद किया करता था लेकिन उसने कभी भी रचना से अपने दिल की बात नहीं कही थी परंतु अब वह रचना को अपने दिल की बात कह चुका था और रचना ने भी उसके प्यार को स्वीकार कर लिया था। रमेश एक अच्छी कंपनी में जॉब करता है और जिस कंपनी में वह जॉब करता है वहां पर वह कंपनी के एक अच्छे पद पर है।
रमेश की जिंदगी में अब सब कुछ अच्छा चल रहा है रमेश ने उस दिन मुझे बताया कि वह जल्द ही रचना के साथ शादी करने वाला है और सब लोग इस बात के लिए तैयार हो चुके थे। इस बात से मैं भी बड़ा खुश था और उस दिन रमेश के साथ मुझे काफी लंबे समय के बाद एक अच्छा समय बिताने का मौका मिला था। मैं बड़ा ही खुश था जिस तरीके से रमेश के साथ मुझे उस दिन समय बिताने का मौका मिल पाया था। मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूं और मैं अपनी नौकरी से बहुत खुश हूं लेकिन मेरे जीवन में कुछ भी नया नहीं चल रहा है मेरे कुछ गिने चुने पुराने दोस्त हैं। सुबह के वक्त मैं ऑफिस जाता और शाम के वक्त मैं घर लौट आता। मेरी लाइफ में कुछ भी नया नहीं था बस मेरी लाइफ बड़ी ही सिंपल तरीके से चल रही थी और मैं अपनी जिंदगी से बहुत ही ज्यादा खुश हूं। एक दिन मुझे अपनी बहन को मिलने के लिए जाना था मेरी बहन जिसकी शादी को अभी एक वर्ष हुआ है और जब मैं उसे मिलने के लिए उसके घर पर गया तो उस दिन मेरी बहन आशा की सहेली भी वहां पर आई हुई थी उसका नाम सुधा है।
जब मुझे पहली बार सुधा से मिलने का मौका मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा था और वह भी बड़ी खुश थी जिस तरीके से हम दोनों  पहली बार एक दूसरे को मिले थे तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा था। मैंने सोचा था कि उसके बाद शायद मैं कभी भी सुधा को मिल नहीं पाऊंगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। काफी लंबे समय तक तो मैं सुधा से नहीं मिल पाया था लेकिन एक दिन जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो उससे मिलकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मैंने और सुधा ने एक दूसरे का नंबर भी ले लिया था इसलिए जब हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को अच्छा लगता। हम दोनों की फोन पर भी एक दूसरे से काफी ज्यादा बातें होने लगी थी। मैं जब भी सुधा के साथ फोन पर बातें किया करता तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था। मुझे भी बहुत अच्छा लगता था जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ फोन पर बातें किया करते थे।
मैं चाहता था सुधा से मैं अपने दिल की बात कह डालूं और मैंने सुधा से अपने दिल की बात कहने का फैसला कर लिया था। एक दिन मैं सुधा से फोन पर बातें कर रहा था जब मैंने उससे उस दिन फोन पर बातें की तो मैंने उससे मिलने की बात कही। वह मेरी बात मान गई थी हम दोनों को उस दिन मिलना था। जब हम दोनों एक दूसरे से मिले तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगा मैंने उस दिन अपने दिल की बात कह डाली थी। वह भी मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन एक दूसरे के साथ चलने लगा था। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था हम दोनों बहुत ज्यादा खुश होते। हम दोनों एक दूसरे से प्यार भी करने लगे थे यह बात मेरी बहन को भी मालूम चल चुकी थी लेकिन किसी को भी अब इस से कोई एतराज नहीं था, यह बात मेरे घर तक भी पता चल चुकी थी। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनो बहुत ही अच्छा समय साथ मे बिताया करते थे। हमारे रिलेशन के बारे मे हमारे परिवार को पता चल चुका था इसलिए सब चाहते थे हम दोनों शादी कर ले। मुझे अभी थोड़ा समय चाहिए था और सुधा को भी समय चाहिए था इसलिए हम दोनों ने ही इस बारे में नहीं सोचा और हम दोनों अपने रिलेशन को आगे बढ़ाए जा रहे थे।
हम लोगों का रिलेशन बहुत ही अच्छे तरीके से चल रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते उस से हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय साथ मे बिताने की कोशिश करते। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता था मैं जब भी सुधा के साथ होता तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश होता और हम दोनों को मजा आता था। एक दिन सुधा मुझसे मिलने के लिए घर पर आई हुई थी। उस दिन घर पर कोई नहीं था। हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे मुझे अच्छा लग रहा था हम दोनों बातें कर रहे थे। हम दोनो के मन मे सेक्स करने की भावना जागने लगी थी। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाए मैंने सुधा की जांघो को सहलाने लगा था। मैं उसकी जांघ को सहला रहा था मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी सुधा भी गर्म होती चली गई। हम दोनों गरम हो चुके थे मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने अब सुधा के नरम होंठों को चूमना शुरू कर दिया था मैं उसके होठों को चूम रहा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और सुधा को भी बहुत मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूम कर अपनी गर्मी को बढ़ा रहे थे। अब सुधा पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी।
वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुकी थी। सुधा ने मेरी गर्मी को बढ़ा दिया था हमारी गर्मी बहुत अधिक हो चुकी थी हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाए रहे थे। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला सुधा ने उसे अपने हाथों में ले लिया। काफी देर तक लंड हिलाने के बाद उसने अपने मुंह में लंड को लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया था। वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था और सुधा को भी मजा आ रहा था वह मेरे लंड को अच्छे से संकिग कर रही थी। हम दोनों की गर्मी बढ़ चुकी थी मैंने सुधा से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं मेरे लंड से पानी निकल आया था। सुधा ने मुझे कहा मेरी गर्मी बढ़ चुकी है मैंने अब उसके कपड़े उतारकर उसकी ब्रा को खोलकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया वह गरम हो गई थी। हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। अब हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे हमारी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मैंने सुधा से कहा मैं तुम्हारी चूत में लंड डालना चाहता हूं। मैंने उसकी चूत को कुछ देर तक चाटा। मैं उसकी योनि को चाटने लगा था मुझे मजा आने लगा वह भी पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी।
वह इतनी ज्यादा गरम हो गई थी उसकी चूत से पानी निकल रहा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मैंने उसकी चूत मे लंड डाल दिया। उसकी योनि के अंदर मेरा लंड जाते ही वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और सुधा की योनि से खून निकल आया था। सुधा की चूत से खून निकल रहा था मै उसे और भी तेजी से धक्के देने लगा था। वह बड़ी खुश हो गई थी जिस तरीके से मैं उसे धक्के मार रहा था। मैं सुधा को तेजी से धक्के दिए जा रहा था हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से देने लगे थे। हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा दिया था मेरा लंड सुधा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था।
जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था मुझे मजा आने लगा था और सुधा को भी मजा आने लगा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स कर रहे थे। हम दोनो अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहे थे वह अपने पैरो के बीच मे मुझे जकड रही थी। ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही सुधा अपने आपको रोक पा रही थी। सुधा की चूत से निकलता हुआ खून बहुत ज्यादा बढ़ चुका था उसने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा दिया था। मैंने सुधा को तेजी से चोदना शुरू किया को मैंने अपने वीर्य को सुधा की योनि में गिरा दिया था। मेरा माल उसकी चूत में गिर गया था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स किया था। सुधा को दोबारा से मैंने चोदा और उसे तब तक चोदता रहा जब तक उसकी चूत की गर्मी को शांत नहीं कर दिया था। मुझे मजा आ गया था सुधा को चोदकर।