बारिश और मेरी चुत चुदाई – Ghar me Chudai kahani

मेरा नाम मनीषा है मेरी उम्र 22 है! यह मेरी पहली चुदाई कहानी है. मैं इस साईट पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी है! दोस्तों आम तौर पर सब लोग यही मानते है कि सेक्स को लेकर लड़को में बहुत जोश होता है! यह बात एकदम सही है,  लेकिन यह बात भी मान लीजिए कि लडकियों में भी सेक्स को लेकर उतना ही जोश होता है! ghar me chudai kahani

पर हम लड़को को पता नहीं लगने देते! मेरी सभी दोस्त इस साईट की कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े लेती है!

आज में आप सभी से जो कहानी शेयर कर रही हूँ.. ghar me chudai kahani

इससे बस यही साबित होता है कि एक लड़का और एक लड़की के बीच सिर्फ़ एक ही रिश्ता हो सकता है और वो आप सभी जानते होंगे.

लीजिए में अपनी कहानी पर आती हूँ! दोस्तों यह पिछले साल बरसात के दिनों की बात है! हमारे कॉलेज की छुट्टी हुई और अचानक मौसम खराब हो गया और जोरों से बारिश होने लगी! में कुछ देर तो कॉलेज में रुकी और एक घंटे तक में वहाँ पर खड़ी रही. लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और अब धीरे धीरे रात भी होने को थी. तो में बारिश में भीगते भीगते अपने घर पर आ गयी!

Ghar me chudai kahani – सरदी की रात आंटी के साथ

घर पर पहुंचते पहुंचते मुझे 7 बज गए थे और बहुत अंधेरा भी हो चुका था और उस समय घर पर लाईट भी नहीं आ रही थी! मैं दरवाजा बजाया तो मेरा छोटा भाई रमेश दरवाजे पर आया और उसने दरवाजा खोला………..

वो मुझसे दो साल छोटा था!

रमेश :- आप तो बिल्कुल भींग गई हो

में :- तो में क्या करती रेनकोट ले जाना भूल गई थी.. क्या तू एक काम करेगा?

रमेश :- हाँ दीदी!

में :- तू मेरे लिए चाय बना दे..  मुझे बहुत ठंड लग रही है!

रमेश :- ठीक है……….. में अभी बनाकर लाता हूँ!

फिर में अपने कमरे में चली गई………..

बाहर मौसम अब ठीक हो चुका था………..

लेकिन हवा तेज़ चल रही थी और में मोमबत्ती जलाकर अपने रूम तक गयी………..

लेकिन रूम तक जाते जाते मोमबत्ती बुझ गई और फिर में बाथरूम में कपड़े चेंज करने गई और मैं एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए! तभी मुझे याद आया कि मैं टावल तो लिया ही नहीं………..

तो मैं बाथरूम के दरवाजे को हल्का सा खोला और देखा कि ज्यादा अंधेरे में बाहर कुछ भी नहीं दिख रहा था! फिर में धीरे धीरे अलमारी की ओर जाने लगी जो कि दरवाजे के बिल्कुल पास थी और में अलमीरा के पास पहुंच गई थी………..

तभी अचानक तेज लाईट के कारण मेरी आखें बंद हो गयी………..

लेकिन जब मैं आंखे खोली तो में सहम गई………..

मेरा भाई मेरे सामने खड़ा है एक हाथ में चाय का कप और दूसरे में बुझी हुई मोमबत्ती लेकर! मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो मेरे 34 साईज के चूचियो को तो कभी मेरी नंगी बुर को देख रहा था………..

Ghar me chudai kahani

मानो जैसे उसकी लाटरी लग गयी हो! मैं एक हाथ से बुर और एक हाथ से चूचियो को छुपा लिया और उसे डाटते हुए बोली कि रमेश हट जा और फिर में दौड़ते हुए बाथरूम में चली गई!

रमेश :- सॉरी दीदी ( वो चाय लाया था ) मुझे माफ़ करना वो मोमबत्ती हवा से बुझ गई और में यह चाय टेबल पर रख देता हूँ और फिर वो चला गया………..

लेकिन पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा सा आ रहा था?

फिर मैं सोचा कि इसमें उसकी क्या ग़लती थी! में भी तो जवान हूँ बहुत खूबसूरत हूँ भला 34 इंच के चूचियो गोरा रंग 26 इंच की कमर 34 इंच की गांड को देखकर कोई भी पागल हो सकता है! फिर ऐसे ही मैं अपने आप को कांच में देखा………..

में सच में क़यामत लग रही थी तो मैं बुर के भीगे बालों पर हल्का हल्का हाथ फेरा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा! फिर मैं सलवार सूट पहन लिया और फिर में किचन में आ गयी………..

लेकिन में अपने भाई से आंख भी नहीं मिला पा रही थी और उसे बार बार अनदेखा कर रही थी और वो भी बहुत उत्सुकता महसूस कर रहा था! फिर मैं ही आगे होकर उससे बात शुरू की………..

में :- क्या पापा ऑफिस गए है?

रमेश :- हाँ उनका नाईट शिफ्ट है और वो कल सुबह आएँगे……….. लेकिन सॉरी दीदी वो में आपके कमरे में!

में :- कोई बात नहीं……….. कभी कभी हो जाता है और उसमें तुम्हारी कोई ग़लती नहीं थी……….. लेकिन अब तुम आगे से ध्यान रखना ठीक है और अब भूख लगी है तो चलो किचन में खाना बना लेते है!

रमेश :- हाँ ठीक है दीदी!

दोस्तों मेरे परिवार में हम तीन लोग ही रहते थे! इसलिए घर का सभी काम हम लोग मिल बाँटकर करते थे………..

फिर हम इधर उधर की बातें करते करते खाना बनाने लगे! तभी अचानक से मेरी गांड रमेश से टकरा गयी और मुझे कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ? तो मैं पीछे मुड़कर देखा तो उसके पजामे में उसका कामदेव (लंड) तंबू बनकर खड़ा हुआ है! लेकिन इस बात से वो बिल्कुल अंजान होने की कोशिश कर रहा था! तो मैं भी अनदेखा कर दिया………..

तो इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई और कुछ देर के बाद उसने फिर से मेरी गांड में अपना कामदेव (लंड) सटाया! फिर में कुछ दूर जाकर खड़ी हो गयी……….. वो भी मेरे और करीब आ गया! तभी मैं गौर किया कि वो मेरे चूचियो को अपनी तिरछी तिरछी निगाहों से देख रहा था………..

क्योंकि मैं दुपट्टा हटा रखा था तो मेरे चूचियो का पूरा आकार साफ साफ नज़र आ रहा था! फिर कुछ देर में खाना बनकर तैयार हो गया और फिर हम करीब 9 बजे खाना खाने बैठे………..

हम टीवी देखकर खाना खा रहे थे तो अचानक उसने मुझसे पूछा कि………..

Ghar me chudai kahani – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका