Antarvasna, desi kahani: मैं सुबह के वक्त दुकान जाने की तैयारी कर रहा था मां ने नाश्ता बना दिया था मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम नाश्ता कर लो। मैंने मां से कहा कि मां बस मैं नाश्ता कर लेता हूं और थोड़ी देर बाद मैंने नाश्ता किया और उसके बाद मैं अपनी शॉप के लिए निकल गया। मुझे घर से अपनी दुकान तक पहुंचने में करीब 15 मिनट लगे उस वक्त 9:30 बज रहे थे। दुकान में काम करने वाले जीतू काका ने मुझे कहा कि रोहन बेटा मुझे कुछ दिनों के लिए छुट्टी चाहिए थी मैंने उन्हें कहा कि ठीक है आप कुछ दिनों के लिए अपने घर चले जाइए और वह कुछ दिनों की छुट्टी लेकर अपने घर चले गए थे। जीतू काका मेंरी दुकान में काफी समय से काम करते है वह पापा के समय से काम कर रहे हैं। जब पापा ने दुकान खोली थी उस वक्त से जीतू काका दुकान में काम करते थे इसलिए मैं उन्हें किसी भी चीज को लेकर कभी मना नहीं करता हूं।
उन्हें भी यह बात बड़ी अच्छी लगती है कि उन्हें हम लोगों ने हमेशा ही अपने घर के लोगो की तरह ही प्यार दिया है। मैंने कभी भी उन्हें दुकान में काम करने वाला नहीं समझा उन्हें हम लोगों ने हमेशा ही अपने घर के सदस्य की तरह समझा है। पापा का देहांत हो जाने के बाद से घर की सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर ही आ गई थी और मैं ही घर की सारी जिम्मेदारी को निभा रहा था। मां ने मुझे कई बार कहा कि बेटा तुम शादी कर लो तुम्हारी उम्र हो चुकी है। मैं उम्र के 35 साल में पहुंच चुका हूं लेकिन अभी तक मैंने शादी नहीं की है मां इस बात से बहुत ही ज्यादा परेशान रहती है कि मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मां ने मुझे कई बार कहा लेकिन मैं उनकी बात को अभी तक मान नहीं पाया हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मुझे अभी शादी नहीं करनी चाहिए। मैं चाहता था कि पहले मेरी छोटी बहन की शादी हो जाए जिसकी उम्र 28 वर्ष हो चुकी है अभी तक उसकी भी शादी नहीं हुई थी। उसकी शादी को लेकर घर में काफी टेंशन चल रही थी लेकिन अब हम लोगों ने उसके लिए लड़का देखना शुरू कर दिया था और जल्द ही उसके लिए हमें एक अच्छा लड़का मिल गया और हम लोगों ने उसका रिश्ता तय करवा दिया। मेरी छोटी बहन का नाम सरिता है और उसकी सगाई हम लोगों ने करवा दी थी।
उसकी सगाई हो चुकी थी और अब उसकी शादी भी जल्दी होने वाली थी। मैं उसकी शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखना चाहता था इसलिए मैंने उसकी शादी बड़े ही धूमधाम से करवाई और हमारे सारे रिश्तेदार भी शादी में आए हुए थे। सब लोग बड़े ही खुश थे सब कुछ बहुत ही अच्छे से हो चुका था और मैं भी बड़ा खुश था कि मेरी छोटी बहन की शादी हो चुकी है। उसकी शादी हो जाने के बाद मां घर पर अकेली ही रहती और कई बार वह मुझे फोन कर दिया करती क्योकि मां को अकेले बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। मैं जब दुकान में होता तो मां मुझे फोन कर दिया करती थी मुझे भी अब लगने लगा था कि कोई तो ऐसा चाहिए जो मां की देखभाल कर सके। मां की भी तबीयत खराब रहने लगी थी और समय के साथ मां की उम्र भी होती जा रही थी इसलिए मुझे भी लग रहा था कि मुझे अब शादी कर लेनी चाहिए। मैंने भी शादी करने का फैसला कर लिया था मैं जल्द ही शादी करना चाहता था और इसमें मामा जी ने मेरी मदद की। मामाजी के पड़ोस में ही प्रिया का परिवार रहता है उन लोगों के साथ मामा जी की काफी अच्छी बातचीत है इसलिए मामा जी ने जब मेरे रिश्ते की बात प्रिया के पिताजी से की तो वह लोग भी मुझसे मिलना चाहते थे। जब पहली बार प्रिया के पिताजी से मैं मिला तो उन्हें लगा कि मैं प्रिया के लिए बिल्कुल ठीक हूं इसलिए वह लोग मेरी शादी प्रिया से करवाने के लिए तैयार हो गए।
मां भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश थी मैं भी जब प्रिया को मिला था तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और प्रिया को भी बड़ा अच्छा लगा। जब हम लोगों की पहली मुलाकात हुई थी तो मैं बहुत ज्यादा खुश था और हम लोग उसके बाद एक दूसरे को मिलने लगे थे। हम दोनों की सगाई हो चुकी थी और मैं प्रिया से फोन पर बातें करने लगा था प्रिया से फोन पर बातें कर के मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। जब भी मैं उसे मिलता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। समय के साथ हम दोनों एक दूसरे को समझने लगे थे और हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगने लगा था। हम दोनों की सगाई को 5 महीने हो चुके थे सब लोग चाहते थे कि हम लोग अब शादी कर ले। मां ने भी मुझसे कहा कि बेटा मुझे लगने लगा है कि अब तुम्हें शादी की बात प्रिया के पापा से कर लेनी चाहिए। मैंने भी मां से कहा कि हां मां मुझे उनसे इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। मैंने भी प्रिया के पापा से इस बारे में बात की तो वह लोग अब शादी करवाने के लिए तैयार हो चुके थे और हम लोगों ने भी अपनी शादी की सारी तैयारियां शुरू कर दी थी। हमारी शादी बड़े अच्छे से हुई इसके लिए मेरे मामा जी ने सारा कुछ अरेंजमेंट किया हुआ था मेरे मामाजी ने हीं सब कुछ देखा। मेरी और प्रिया की शादी हुई तो उस वक्त हमारे सारे रिश्तेदार शादी में आए हुए थे। हम दोनों की शादी बड़ी धूमधाम से हुई और हम सब बहुत खुश थे।
जिस तरीके से हम दोनों की शादी हुई थी उससे मैं बहुत ज्यादा खुश था कि प्रिया मेरी पत्नी बन चुकी है। शादी के बाद हम दोनों का जीवन बड़े अच्छे से चलने लगा और प्रिया को अपनी पत्नी के रूप में पाकर मैं बहुत ही खुश था। प्रिया मेरी पत्नी बन चुकी थी। हम दोनों की सुहागरात की पहली रात थी हम दोनों एक दूसरे के होने वाले थे। प्रिया और मैं एक दूसरे के साथ बैठकर बाते कर रहे थे मुझे लगने लगा मुझे प्रिया के साथ सेक्स करना चाहिए। मैंने प्रिया के हाथों को अपने हाथों में ले लिया वह गर्म होने लगी थी। वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी मुझे भी अच्छा लगने लगा था जिस तरीके से हम दोनो एक दूसरे के होंठो को चूमने लगे थे। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और प्रिया भी बहुत ज्यादा गर्म होती जा रही थी। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो गए थे मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था। मैंने प्रिया से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं प्रिया ने अपने बदन से कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था ना ही प्रिया अपने आपको रोक पा रही थी।
मै प्रिया के होंठो को बहुत ही अच्छे से चूमने लगा था प्रिया गर्म होने लगी थी। वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी मै अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाया। वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है मैंने प्रिया के होठों को काफी देर तक चूमता रहा उसकी गर्मी को मैंने पूरी तरीके से बढ़ा दिया था। वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया जैसे ही उसने मेरे लंड को बाहर निकाला वह उसे सकिंग करने लगी उसे मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा वह जिस तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी।
हम दोनों की गर्मी बढ़ रही थी और उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। मेरे लंड से पानी बाहर निकल चुकी थी मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए तैयार हो चुका था। मैंने उसके बदन से कपड़े उतार दिए थे प्रिया मेरे सामने नंगी थी। मैं उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाने लगा था जब मैं ऐसा करने लगा मुझे मजा आने लगा था और प्रिया को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं उसके स्तनों को दबा रहा था और उसकी गर्मी को बढ़ाए जा रहा था। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे अब मेरी गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह ना सका मैने प्रिया से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। प्रिया मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत को चाट लो। मै जब उसकी योनि को चाटने लगा मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आने लगा था। हम दोनों को काफी ज्यादा मजा आने लगा था। मैंने जैसे ही प्रिया की योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया वह बहुत जोर से चिल्लाई और मुझे बोली मुझे मजा आ चुका है। अब मैं उसे बड़ी तेजी से चोदने लगा था उसकी चूत के अंदर बाहर मैं अपने लंड को कर रहा था जिससे कि प्रिया और मैं एक दूसरे के साथ में बड़े अच्छे से सेक्स कर रहे थे। प्रिया की चूत से खून निकल रहा था जब प्रिया की योनि से खून निकल रहा था तो मुझे मज़ा आ रहा था और प्रिया को भी अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ बड़े अच्छे से दे रहे थे।
मैंने प्रिया से कहा मेरा माल गिरने वाला है। प्रिया ने कहा कि तुम मेरी चूत मे माल गिरा दो। प्रिया बड़ी खुश थी उसकी चूत में मेरा माल गिरने वाला है। उसके बाद प्रिया को मेरे लंड को लेने की आदत हो चुकी थी जब भी मैं प्रिया से मिलता तो वह हमेशा ही मेरे लंड के लिए पागल रहती और कहती मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करते मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आता जिस तरीके से मैं और प्रिया एक दूसरे के साथ में सेक्स किया करते थे।