ऋचा की तेज चुदाई | Hindi Sex Stories

ऋचा की तेज चुदाई

Antarvasna, kamukta: मैं सुबह के 6:00 बजे उठा और हर रोज की तरह मैं जॉगिंग करने चला गया। मैं अपने घर के पास ही पार्क में जोगिंग के लिए जाता हूं वहां पर करीब आधे घंटे तक जोगिंग करने के बाद वापस लौट आया। जब मैं वापस लौट रहा था तो उस वक्त मुझे अक्षरा मिली अक्षरा से मैं बहुत दिनों बाद मिल रहा था। अक्षरा हमारे पड़ोस में ही रहती है और वह मेरी अच्छी दोस्त है अक्षरा और मैं साथ में कॉलेज पढ़ा करते थे लेकिन अब अक्षरा अपने पापा का बिजनेस संभाल रही है। अक्षरा से मिलकर उस दिन मुझे अच्छा लगा उससे करीब एक महीने के बाद मेरी मुलाकात हो रही थी। अक्षरा ने उस दिन मुझे कहा कि मैं तुम्हें फोन करूंगी तो मैंने अक्षरा को कहा की ठीक है उसके बाद मैं भी अपने घर आ चुका था। घर आने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया करीब 10 मिनट के बाद जब मैं बाथरूम से निकला तो मां ने मुझे कहा कि बेटा मैंने तुम्हारे लिए नाश्ता बना दिया है।
मैंने मां से कहा कि ठीक है मां मैं अभी नाश्ता कर लेता हूं। मैंने नाश्ता किया उसके बाद मैं अपने डिपार्टमेंटल स्टोर में चला गया। मैंने अपने डिपार्टमेंटल स्टोर को कुछ समय पहले ही शुरू किया है और मेरा काम अच्छे से चल रहा है। मुझे शाम के वक्त अक्षरा का फोन आया तो अक्षरा ने मुझे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है। मैंने अक्षरा को कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलता हूं लेकिन आज तो शायद संभव नहीं हो पाएगा परंतु कल मैं तुमसे मुलाकात करता हूं। अक्षरा ने कहा ठीक है और अगले दिन मुझे अक्षरा मिली हम दोनों एक दूसरे के साथ हमारे घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर बैठे हुए थे। वहां पर हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो अक्षरा ने मुझे बताया कि वह शादी करने जा रही है। मैंने अक्षरा को कहा कि लेकिन तुमने मुझे प्रमित के बारे में बताया ही नही। प्रमित अक्षरा के साथ रिलेशन में है और अक्षरा ने मुझे कहा कि मैं तुम्हें प्रमित से मिलवाऊंगी। जब मुझे अक्षरा ने प्रमित से मिलवाया तो मुझे काफी अच्छा लगा। प्रमित एक अच्छे घर से हैं और वह बहुत ही समझदार है।
अक्षरा मेरी अच्छी दोस्त है इसलिए उस दिन उसने मुझे इस बारे में बताया और अब जल्द ही अक्षरा और प्रमित की शादी होने वाली थी। जब उन दोनों की शादी होने वाली थी तो मैं भी अक्षरा की शादी में गया हुआ था अक्षरा की शादी में मैं जब गया तो वहां पर मुझे ऋचा से मिलने का मौका मिला। ऋचा हमारे साथ ही पढ़ा करती थी लेकिन उससे मेरी इतनी बातचीत नहीं थी। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ बातें करते तो अक्सर किसी न किसी बात को लेकर हम दोनों के बीच झगड़े हो जाया करते थे इसलिए मैं ऋचा के साथ कम ही बात किया करता था। अक्षरा की ऋचा के साथ बहुत अच्छी बनती थी और वह दोनों कॉलेज में साथ ही रहा करते थे। उस दिन ऋचा से मिलकर मुझे अच्छा लगा और कहीं ना कहीं मुझे महसूस हुआ कि ऋचा भी अब बदल चुकी है। ऋचा ने मुझसे बड़े अच्छे तरीके से बात की और मुझे बहुत ही अच्छा लगा जब ऋचा और मैं साथ में थे। मेरी बात ऋचा से हुई और यह पहली बार था जब मुझे ऋचा से बातें करके अच्छा लगा था और उसे भी मुझसे बात कर के काफी अच्छा लगा।
हम दोनों एक दूसरे से बातें करते रहे और उसके बाद जब मैं और ऋचा वापस घर के लिए लौटे तो मैंने ऋचा से कहा कि मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं और मैंने ऋचा को उसके घर छोड़ दिया था। जब मैंने ऋचा को उसके घर छोड़ा तो मुझे उस दिन ऋचा के साथ समय बिता कर अच्छा लगा और यह पहली बार ही था जब ऋचा और मैं एक दूसरे के साथ इतनी बातें कर रहे थे। हम दोनों उस दिन के बाद एक दूसरे से काफी बातें करने लगे थे और मुझे भी ऋचा का साथ बहुत ही अच्छा लगने लगा था। हम दोनों जब एक दूसरे के साथ होते हैं तो हम दोनों बहुत ही खुश होते हैं और अब मेरे और ऋचा के बीच की करीबियां बढ़ती ही जा रही थी और मैं ऋचा को दिल से चाहने लगा था। मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि ऋचा से मैं प्यार करूंगा लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि ऋचा मेरी जिंदगी में महत्वपूर्ण है। मुझे इस बात की बड़ी ही खुशी थी कि ऋचा और मैं अब एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते और मुझे यह बहुत अच्छा लगता है। ऋचा और मैं एक दूसरे के इतने नजदीक आ चुके हैं कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं सकते। मुझे जब भी लगता की मैं किसी परेशानी में हूं तो मैं ऋचा से अपनी बातों को शेयर कर लिया करता हूं।
जब भी मैं ऋचा से अपनी बातों को शेयर करता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल रही है हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश हैं। ऋचा और मेरे रिलेशन को 6 महीने से ऊपर हो चुका था इसलिए हम दोनों को लगने लगा कि हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। मैंने भी ऋचा से शादी करने का फैसला कर लिया था और जब मैंने ऋचा से इस बारे में बात की तो ऋचा मुझसे शादी करने के लिए तैयार थी। कहीं ना कहीं हम दोनों ही चाहते थे कि हम दोनों शादी कर ले और अब हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर ही लिया था और जब हम दोनों की शादी हुई तो हम दोनों बड़े ही खुश हैं और हमारी शादीशुदा जिंदगी अच्छे से चल रही है।
मैं ऋचा के साथ रिलेशन में बहुत खुश हूं और वह भी मेरे साथ काफी खुश है। जिस तरीके से ऋचा और मैं एक दूसरे के साथ अपनी जिंदगी को बिता रहे हैं उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है। ऋचा हमेशा ही मेरा साथ देती है और जब भी वह मेरे साथ होती है तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। एक दिन मैं और ऋचा साथ में बैठे हुए थे, हम दोनों साथ में बैठे थे तो ऋचा ने मुझसे कहा मुझे लगता है आज हमें कहीं चलना चाहिए। हम दोनों ने उस दिन साथ में टाइम स्पेंड करने के बारे में सोचा उस दिन हम दोनों साथ में ही थे। हम दोनों ने उस दिन साथ में काफी समय बिताया मैं और ऋचा बहुत ही खुश है जिस तरीके से हम दोनों ने साथ में समय बिताया। मेरे और ऋचा के बीच बहुत ही ज्यादा प्यार है और हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है जब हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं।
ऋचा मेरी बांहो मे जब भी होती तो मै उसे चोदने के लिए बेताब रहता। एक दिन मै और ऋचा एक दूसरे की बांहो मे थे। हम दोनो तडप रहे थे। मैं ऋचा के रसीले होठों को चूम लिया था हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था। ऋचा के होंठो को चूम कर मेरी गर्मी बहुत बढ़ चुकी थी। मैंने ऋचा के बदन से उसके कपड़े उतार कर जब उसे मैंने नग्न अवस्था में देखा तो मैं अपने आप पर काबू ना कर सका और मैं ऋचा की ब्रा को खोल कर उसके स्तनों को दबाने लगा। मुझे मज़ा आने लगा ऋचा को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं उसकी ब्रा को उतार कर उसके स्तनों को दबाने लगा था। मैंने काफी देर तक उसके स्तनों को दबाया फिर मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर उन्हें चूसना शुरू कर दिया था। उसके स्तनों को चूसने में मुझे मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था। मैं उसकी गर्मी को बढ़ा रहा था काफी देर तक मैंने उसके स्तनों का रसपान किया तब मुझे एहसास होने लगा मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाऊंगा। मैंने जब ऋचा की चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो वह तड़पने लगी।
वह मुझे कहने लगी तुम मुझे इतना मत तड़पाओ। मैंने ऋचा के दोनों पैरों को खोल दिया उसकी चूत पर मैंने अपनी जीभ का स्पर्श किया तो वह गर्म होने लगी और कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। ऋचा की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ती जा रही थी वह बहुत ही ज्यादा गरम हो चुकी थी। अब वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था इसलिए मैंने ऋचा की चूत पर अपने लंड को लगाकर अंदर की तरफ डालना शुरू किया। जैसे ही मेरा मोटा लंड ऋचा की योनि के अंदर गया तो मैं उसे कहने लगा मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने लगा था उसकी योनि से खून निकलने लगा था मुझे मजा आने लगा था। यह पहली बार ही था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बना रहे थे हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक संबध बनाते रहे।
जब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना ही ऋचा अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने ऋचा से कहा मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा हूं। ऋचा मुझे कहने लगी तुम मेरी योनि के अंदर अपने माल को गिरा दो। ऋचा को यह मालूम था मेरा वीर्य बाहर की तरफ निकलने वाला है इसलिए उसने अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लिया। मैं उसको बड़ी ही तेजी से चोद रहा था उसका पूरा शरीर हिलता जा रहा था और मेरा वीर्य भी बाहर आने को था। जैसे ही मेरा वीर्य बाहर की तरफ आया तो मैंने उससे कहा मुझे मजा आ गया। ऋचा मुझे कहने लगी आज तो मुझे भी बड़ा मजा आ गया ऋचा की योनि से अभी भी मेरा वीर्य बाहर  निकल रहा था। जिस तरीके से मैंने और ऋचा ने एक दूसरे के साथ में शारीरिक सुख का मजा लिया था उस से मै बडा ही खुश था। उसके बाद भी हम दोनो एक दूसरे के साथ में सेक्स का मजा लेते रहते थे।