Antarvasna, kamukta: मेरे लिए अहमदाबाद शहर बिल्कुल ही नया था। मैं कुछ समय पहले ही वहां पर नौकरी करने के लिए गया था। मैं गुजरात के एक छोटे गांव से ताल्लुक रखता हूं और मैं अहमदाबाद में नौकरी करने लगा था। मेरी तनख्वाह ज्यादा नहीं थी लेकिन मैं अपनी नौकरी से खुश था। मैं अपनी तनख्वाह से जो भी पैसे बचाता वह अपने घर भेज दिया करता। मेरे सपने बहुत ही बड़े थे इसलिए मैंने यह सोच लिया था मुझे कुछ बड़ा करना है और मैं अहमदाबाद से मुंबई चला गया। जब मैं अहमदाबाद से मुंबई आया तो मैं कुछ समय अपने दोस्त के घर पर रहा और उस वक्त मेरे पास कुछ भी काम नहीं था। काफी समय तक मेरे पास कोई भी काम नहीं था लेकिन जब मैं एक दुकान में नौकरी करने लगा तो वहां पर मुझे काफी अच्छे पैसे मिलने लगे थे और मैं अपने काम से बहुत ज्यादा खुश भी था। मैं थोड़े बहुत पैसे बचाने लगा और उसके बाद मैंने अपना ही एक छोटा सा कारोबार शुरू कर लिया था।
जब मैंने अपना कारोबार शुरू किया तो मैं शुरुआत में काफी ज्यादा मेहनत करता था। अब जिस तरीके से मेरा काम चलने लगा था उससे मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी है और सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था। मैंने मुंबई में ही शादी कर ली थी और मैं अब बहुत ज्यादा खुश हूं कि मैं मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता हूं। मेरी पत्नी का नाम अंजलि है और हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हैं। एक दिन अंजलि ने मुझे कहा आप पापा मम्मी को क्यों मुंबई नहीं बुला लेते। मैंने अंजलि से कहा हां मैं भी यही चाहता हूं कि वह लोग हमारे पास आ जाए। मैंने मां से जब इस बारे में बात की तो मां ने कहा हां हम लोग मुंबई आ जाते हैं। वह लोग कुछ समय बाद ही मुंबई आ गए़ जब वह लोग मुंबई आए तो वह लोग काफी खुश थे। वह लोग मेरी तरक्की देखकर बहुत ही खुश थे और मैं भी काफी खुश हूं कि मेरा काम अच्छे से चल रहा है और मैंने मुंबई में अपना एक घर भी खरीद लिया था। पापा और मम्मी दोनों ही बहुत ज्यादा खुश है की मैंने मुंबई में घर खरीद लिया है।
मेरा कारोबार भी अच्छे से चल रहा है। अंजलि बहुत ही ज्यादा खुश है मेरे माता पिता हम लोगों के साथ रहने लगे थे। सब कुछ बड़े अच्छे से चल रहा है पापा और मम्मी हम लोगों के साथ रहते हैं उससे अंजलि भी काफी खुश हैं। अंजलि भी चाहती थी वह कोई कारोबार शुरू करे मैंने अंजलि की मदद की और अंजलि ने अपना कारोबार शुरू कर लिया था। अंजलि ने शुरुआत में काफी मेहनत की और अंजलि का काम अच्छे से चलने लगा था। एक दिन मै और अंजलि साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने सोचा क्यों ना मैं अंजली और पापा मम्मी के साथ को समय बिताऊ। पापा और मम्मी भी बहुत ज्यादा खुश थे बहुत लंबे समय के बाद मैं अपने पापा मम्मी के साथ कहीं घूमने के लिए गया हुआ था। वह लोग भी बहुत ज्यादा खुश थे कि इतने लंबे समय बाद हम लोग अच्छा समय बिता पाए। मुझे समय कम ही मिलता है इसलिए पापा और मम्मी के साथ ज्यादा बात नहीं कर पाता हूं। उस दिन हम लोगों ने साथ में अच्छा समय बिताया।
एक दिन मैं अपने काम से वापस लौट रहा था उस दिन जब मैं घर लौटा तो मुझसे मां ने कहा बेटा हम लोग कुछ समय के लिए गांव जा रहे हैं। मैंने मां को कहा मां मैं भी आपके साथ कुछ समय के लिए गांव आना चाहता हूं। मेरा बड़ा मन था मैं गांव जाऊं। काफी समय बाद मैंने जब अपना मन बनाया तो अंजलि भी मेरे साथ गांव आने के लिए तैयार थी। हम लोग गांव जाना चाहते थे मेरा कुछ जरूरी काम था इसलिए मैंने पापा से कहा मुझे कुछ जरूरी काम है और वह काम खत्म कर के ही हम लोग गांव जाएंगे। पापा ने कहा ठीक है बेटा जैसा तुम्हें ठीक लगता है। मैंने अब अपना काम खत्म किया और उसके बाद हम लोग गांव जाने के लिए तैयार थे। जब हम लोग गांव गए तो काफी लंबे अरसे बाद हम लोग गांव गए थे मुझे बहुत ही अच्छा लगा था जब हम लोग गांव गए थे। मैंने अपने पुराने दोस्तों से मुलाकात की और उन लोगों से मिलकर मैं काफी खुश था और वह भी काफी खुश थे। गांव में अभी भी कुछ बदलाव नहीं आया था सब कुछ पहले जैसा ही है। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि अभी भी मेरे दोस्तों के बीच मेरी यादें ताजा हैं।
हम लोग गांव में 10 दिनों तक रहे और फिर वापस हम लोग मुंबई लौट आए थे। जब हम लोग मुंबई वापस लौटे तो मैं अपना काम संभालने लगा था। एक दिन मैं और पापा साथ में बैठे हुए थे उस दिन अचानक ही पापा की तबीयत खराब हो गई और मुझे उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ा। सब लोग काफी घबरा गए थे लेकिन पापा का ब्लड प्रेशर लो हो गया था इस वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई थी। अब वह ठीक थे और मैं उन्हें घर ले आया था। जब वह घर आए तो मैंने पापा से कहा आप आराम कीजिए। पापा अब सो चुके थे मां काफी ज्यादा घबरा गई थी इसलिए मैंने मां से कहा मां अब घबराने की जरूरत नहीं है अब सब कुछ ठीक हो चुका है। मैं और अंजलि एक दूसरे के साथ अपने शादीशुदा जीवन को अच्छे से बिता रहे हैं मुझे काफी खुशी है जिस तरीके से मैं और अंजली एक दूसरे के साथ होते हैं और अपनी जिंदगी को हम लोग अच्छे से बिता रहे हैं। अंजलि का सपोर्ट हमेशा ही मेरे साथ है और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि वह मुझे अच्छे से समझती है। मैं भी अंजलि को बहुत ही अच्छे से समझता हूं मैंने एक दिन अंजली से कहा अंजली मैं कुछ दिनों के लिए अपने दोस्त के साथ उसके फार्महाउस पर जा रहा हूं।
अंजलि ने मुझे कहा लेकिन आप वहां से वापस कब लौटेंगे। मैंने अंजली से कहा मैं वहां से 3 दिनों में वापस लौट आऊंगा। मुझे अपने दोस्त के साथ उसके फॉर्महाउस में जाना था क्योंकि वह काफी समय से मुझे कह रहा था तुम्हें मेरे साथ मेरे फार्महाउस पर चलना है। मैं उसे अक्सर कुछ ना कुछ कह कर टाल दिया करता लेकिन अब मुझे भी लगा मुझे उसके साथ उसके फार्महाउस पर जाना चाहिए और हम लोगों ने उसके फार्म हाउस पर जाने का फैसला किया। हम लोग उसके फार्महाउस में चले गए जो मुंबई से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। जब हम लोग वहां पर गए तो वहां पर हम लोग 3 दिनों तक रुके और फिर वहां से हम लोग वापस लौट आए थे। जब मैं वापस लौटा तो वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह मुझे कहने लगी मैं आपको फोन कर रही थी लेकिन आपका नंबर लग ही नहीं रहा था। मैंने उसे कहा हो सकता है नेटवर्क की कोई समस्या हो इस वजह से मेरा नंबर नहीं लग रहा था। मैं अब वापस लौट आया था अंजलि के साथ मेरा शादीशुदा जीवन तो बहुत ही अच्छी तरह से चल रहा है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं।
हम दोनों का जब भी मन होता तो हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर लेते। उस दिन भी मेरा मन अंजलि के साथ सेक्स करने का था और अंजलि से जब मैंने इस बारे में कहा तो अंजलि भी तैयार थी। हम दोनों बेडरूम में लेटे हुए थे मैंने अंजली के स्तनों को दबाना शुरू किया तो उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी और अंजलि बहुत ज्यादा खुश थी। मुझे भी काफी अच्छा लग रहा था। मैंने अंजलि की चूत पर अपने लंड को लगाया जब उसकी चूत में लंड को लगाया तो अंजलि मचलने लगी। मैंने अंजलि की चूत मे अपने लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड अंजलि की चूत के अंदर जा चुका था मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था जिस तरीके से मैं और अंजलि एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे ले रहे थे। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश थी। उसने अपने पैरो को चौडा कर लिया था जिससे कि उसकी चूत में मेरा लंड आसानी से जा रहा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब मैं अंजलि की चूत के मजे ले रहा था तो वह मुझे कहने लगी मुझे और तेजी से धक्के देने शुरू करो।
मुझे मजा आ रहा था जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपने वीर्य को गिराया तो वह खुश हो गई और उसकी चूत में मेरा वीर्य गिरते ही वह मुझे कहने लगी आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है। मैंने अंजलि से कहा हां मुझे भी बहुत ही अच्छा लग रहा है और अंजलि बड़ी खुश थी। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ लेट गए अंजलि मेरी बाहों में थी। लेकिन थोड़ी देर बाद अंजलि का मन मेरे साथ दोबारा सेक्स करने का होने लगा। हम दोनों चाहते थे हम दोनों दोबारा सेक्स करे। अंजलि ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और वह मेरे लंड को जिस तरीके से चूस रही थी उससे मेरा लंड कडक हो चुका था। अब अंजली की चूत के अंदर मेरा लंड जाने के लिए तैयार था। मैंने अंजलि की चूत में लंड घुसाया और मैंने 5 मिनट तक उसकी चूत के मजे लिए। मैंने 5 मिनट बाद उसके स्तनों पर अपने माल को गिराकर उसकी गर्मी को शांत कर दिया था।