Antarvasna, hindi sex kahani: मां मुझे कहती है कि बेटा मेरी तबीयत ठीक नहीं है मां ही घर की सारी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाये हुई थी और मां की तकलीफ अब मुझसे देखी नहीं जाती थी। पिताजी जबसे हमें छोड़कर गए हैं तब से मां ने हीं हमारा पालन-पोषण किया और मुझे यह बात अच्छी नहीं लगती थी कि मां अब काम करें। मां ने किसी तरीके से मुझे पढ़ा लिखा दिया था अब मैं नौकरी की तलाश में था और नौकरी की तलाश के दौरान ही मेरी मुलाकात मोनिका से हुई। मोनिका से मैं उस वक्त मिला जब मोनिका की गाड़ी खराब हो गई थी और उसकी गाड़ी को मैंने ठीक कर दिया था। उसने मुझसे पूछा कि तुम क्या करते हो मैंने मोनिका को अपनी सारी सच्चाई बता दी मैंने उसे कहा फिलहाल तो मैं नौकरी की तलाश में हूँ। वह कहने लगी तुम्हारी नौकरी जरूर लग जाएगी लेकिन अभी तक मेरी नौकरी नहीं लग पाई थी और फिलहाल मैंने एक छोटी कंपनी ज्वाइन कर ली। वहां पर सिर्फ मैं अपनी घर के खर्चे उठा पा रहा था मुझे लगता था कि मुझे और कुछ करना चाहिए मेरे सपने काफी बड़े थे और मैं जल्द ही उन्हें पूरा करना चाहता था।
मैं अपने सपनों को एक रूप देना चाहता था मैं चाहता था कि मेरे सपने सच हो जाए लेकिन यह सब इतना आसान भी तो नहीं होने वाला था इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी थी। उसके बाद भी मेरी एक दो बार मोनिका से मुलाकात हुई जब मैं मोनिका से मिला तो मोनिका मुझे कहने लगी तुम यहाँ क्या कर रहे थे तो मैंने उसे बताया कि मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए आया था। वह मुझे कहने लगी कि क्या तुम मेरे साथ कुछ देर बैठ सकते हो मैंने मोनिका से कहा क्यों नहीं। मोनिका मुझे अपने साथ ले गयी और वहां पर हम लोग फूड कोर्ट में काफी देर तक बैठे रहे हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे। मुझे मोनिका से बात करना अच्छा लगा मोनिका को भी मुझसे बात करना अच्छा लगता है हम दोनों एक दूसरे से बात करते रहे। मैं मोनिका की आंखों में देख रहा था जिस प्रकार से वह मुझसे बात कर रही थी मुझे उसकी आंखों में प्यार नजर आ रहा था।
जब मैंने मोनिका को कहा कि क्या हम लोग अभी चले तो मोनिका का मन जाने का नहीं था वह कहने लगी कि हम लोग क्या कुछ देर और बैठ सकते हैं। मैंने मोनिका से कहा कि मुझे अभी घर जाना है तो मोनिका कहने लगी लगी ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ देती हूं। मैं मोनिका से कुछ भी नहीं छुपाना चाहता था मैंने मोनिका को अपने बारे में सब कुछ बता दिया था। मोनिका ने जब मुझे मेरे घर तक छोड़ा तो मैंने उसे कहा यह सामने ही मेरा घर है मेरा घर बहुत छोटा है मोनिका मुझे कहने लगी तुम बहुत अच्छे हो। मुझे मोनिका की यह बात बहुत अच्छी लगी और उसके बाद तो हम दोनों की बातें फोन पर होने लगी और हम दोनों फोन पर घंटों तक बात किया करते थे। मुझे मोनिका से फोन पर बातें करना अच्छा लगता और मोनिका के साथ मैं समय बिताया करता था। मोनिका मुझे कहने लगी कि क्या हम घूमने के लिए चले मैंने मोनिका को कहा कि मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकता लेकिन मोनिका मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे साथ चलना है। मोनिका ने जब मुझे यह कहा तो मैंने मोनिका से कहा कि हम लोग कभी और चलते हैं आज मेरा मूड नहीं है लेकिन मोनिका मुझे कहने लगी कि तुम्हे मेरे साथ चलना होगा। मोनिका की बात को मैं मना ना कर सका और हम लोग घूमने के लिए चले गए मैं मोनिका के साथ ही उसकी कार में बैठा हुआ था लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगा था। मैंने मोनिका से कहा कि मोनिका तुम मुझे घर छोड़ दो मोनिका कहने लगी अभी तो हम लोग यहां आए हैं। हम लोग एक पार्क में बैठ गए और हम लोग आपस में बात करने लगे मोनिका मुझे प्यार करने लगी थी। मैंने मोनिका से कहा कि मोनिका मुझे लगता है कि हम दोनों को एक दूसरे से बात नहीं करनी चाहिए तो मोनिका मुझे कहने लगी अमन तुम यह किस प्रकार की बातें कर रहे हो। मैंने मोनिका को कहा देखो तुम एक अच्छे परिवार से हो और मेरे पास ना तो तुम्हारा खर्चा उठाने के लिए पैसे हैं और ना ही मैं तुम्हें कहीं घुमा सकता हूँ। मोनिका मुझे कहने लगी तुम यह कैसी बात कर रहे हो मैंने मोनिका को कहा देखो मोनिका मुझे मालूम है कि तुम एक अच्छे घर की लड़की हो और मुझे पसंद करती हो लेकिन मेरे लिए शायद यह ठीक नहीं है।
मोनिका ने मुझे कहा मैं तुमसे प्यार करती हूं मैंने मोनिका को कहा मोनिका लेकिन मुझे अपनी जिंदगी में बहुत मेहनत करनी है। मोनिका कहने लगी की जो भी करना है मुझे उससे कोई परेशानी नहीं है मुझे मालूम है कि मेरे परिवार वाले तुम्हें स्वीकार कर लेंगे उन्होंने कभी भी मेरी किसी बात को मना नहीं किया। मोनिका मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हें अपने परिवार से मिलाना चाहती हूँ लेकिन मैं मोनिका के परिवार से मिलना नहीं चाहता था। मोनिका की जिद के आगे मैं कुछ भी ना कर सका और मोनिका के परिवार से मैं मिलने चला गया मैं जब उसके परिवार से मिला तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। मोनिका ने मुझे कहा कि तुम इतना शर्मा क्यों रहे हो तो मैंने मोनिका से कहा नहीं मोनिका मैं कहां शर्मा रहा हूं। मोनिका के पिताजी मुझे कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारी तरह ही था मैंने भी अपनी मेहनत के बलबूते यह सब हासिल किया है मुझे मोनिका के साथ तुम्हारी शादी करवाने में कोई भी आपत्ति नहीं है। मुझे इस बात की खुशी थी कि कम से कम मोनिका का परिवार तो मेरे और मोनिका के रिश्ते को स्वीकार कर चुका है लेकिन अब मेरे सामने यही परेशानी थी कि मुझे आगे क्या करना चाहिए। उसके लिए मैंने बहुत मेहनत की और मैं दुबई चला गया दुबई में थोड़े ही समय में मेरी किस्मत पूरी तरीके से बदल गई और जब मैं मोनिका से मिलने के लिए आया तो मोनिका बहुत खुश थी।
जब मैं मोनिका से मिला तो मुझे बहुत अच्छा लगा और उससे मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात थी। मोनिका मुझसे कई सवाल पूछने लगी क्योंकि उसके मन में बहुत सवाल थे जिनका जवाब वह चाहती थी मैं पूरी तरीके से बदल चुका था और मोनिका बहुत खुश थी। मोनिका के माता-पिता से मिला तो वह लोग मेरे कामयाबी से बहुत खुश थे वह मुझे कहने लगे कि तुम हमारी बेटी के लिए बिल्कुल सही हो। मोनिका और मैं एक दूसरे को मिलते ही रहते थे जब मोनिका ने मुझे अपने गले लगाया तो मेरे अंदर एक उत्तेजना जागने लगी थी। मोनिका के बड़े स्तन मुझसे टकराने लगे मेरे अंदर गर्मी पैदा होने लगी थी मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा मैंने जब मोनिका के स्तनों को दबाया तो मोनिका अपने आपको रोक ना पाई। मैंने मोनिका की चूत के अंदर उंगली डालने की कोशिश की तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी क्योंकि मोनिका और मैं घर पर अकेले थे इसलिए हम दोनों को यह अच्छा मौका मिल चुका था। हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए और एक दूसरे को अपना बना ले। मैंने मोनिका की जींस को उतारा और उसके पैंटी को उतार दिया मैंने उसकी चूत को चाटना शुरु किया तो वह पूरी तरीके से जोश में आ गई थी और उसकी उत्तेजना का मैने अंदाजा लगा लिया था वह मेरे शरीर पर अपने नाखूनों के निशान मारने लगी थी। मैंने अपने होठों से उसके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह अपनी बाहों में मुझे लेने लगी और कहने लगी तुमने मेरे अंदर सेक्स भावना जगा दी है मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। हम दोनों के बीच में पहला शारीरिक संबंध बनने जा रहा था मोनिका ने मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और वह काफी देर तक अपने हाथों से मेरे लंड को हिलाती रही मैं बहुत जोश मे आ गया था मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा था।
मैंने मोनिका को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लो तो मोनिका ने उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया और जिस प्रकार से मोनिका ने मेरे लंड का रसपान किया उससे तो मैं और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा था वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा रही थी। मेरे अंदर जोश में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी मेरे अंदर इतना ज्यादा जोश बढ़ने लगा था कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने जब अपने लंड को मोनिका की चूत पर लगाया तो मोनिका उत्तेजित होकर मुझे कहने लगी मैं रह नहीं पा रही हूं। मैंने कुछ देर तक उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ना जारी रखा जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और उसी के साथ उसकी चूत से खून का रिसाव बाहर की तरफ को होने लगा और उसकी सील पैक चूत सील पैक नहीं रही क्योंकि मैंने उसकी सील को तोड़ दिया था। जिस प्रकार से उसकी चूत से खून का रिसाव बड़ी तेजी से हो रहा था उस प्रकार से ही मैंने भी अपने धक्कों में बढ़ोतरी कर दी थी और मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं काफी देर तक उसे ऐसे ही धक्के मारता रहा मुझे बहुत मजा आ रहा था मोनिका ने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था वह कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने मोनिका कि चूतडो को अपनी तरफ किया जब उसकी चूत को मै चाट रहा था तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था मुझे उसकी चूत को चाटने में बहुत मजा आया और काफी देर तक मै उसकी चूत चाटता रहा। जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी और मैं लगातार तेज गति से उसे धक्के मार रहा था। मेरे धक्के इतने तेज होने लगे थे कि उसे भी मजा आने लगा था मैं उसे बड़े अच्छे तरीके से चोद रहा था काफी देर तक मैंने उसकी चूत मारी। वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी और मुझे उसे धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था और लगातार तेज गति से मैं उसे चोद रहा था। काफी देर ऐसा करने के बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ को निकलने लगा तो मैंने उसे मोनिका के चूतड़ों पर गिरा दिया। उसके बाद हम दोनों साथ में बैठे रहे लेकिन दोबारा से मेरे अंदर उत्तेजना जाग उठी और मैंने मोनिका के साथ तीन बार संभोग का आनंद लिया। उसके बाद तो हम दोनों के बीच ना जाने कितनी बार ही शारीरिक संबंध बने।