Antarvasna, hindi sex kahani: भैया भाभी के ऊपर बहुत जोर से चिल्ला रहे थे और उन दोनों के आपस में झगड़े हो रहे थे मां को भी भैया को समझाने के लिए जाना पड़ा लेकिन भैया कहां मानने वाले थे और ना ही भाभी मान रही थी। उन दोनों के बीच कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही झगड़े बढ़ने लगे थे मां बहुत ज्यादा परेशान रहती थी और भैया भी बहुत ज्यादा परेशान रहते थे। भाभी की इसमें कोई गलती थी या नहीं लेकिन भैया भी अब गलती कर रहे थे भैया को भाभी को कुछ भी नहीं कहना चाहिए था लेकिन भैया भाभी से हर रोज अपने ऑफिस से आने के बाद झगड़ा किया करते। जिस वक्त भैया की शादी हुई थी उस वक्त सब लोग घर में खुश थे लेकिन जब से उन दोनों के बीच झगड़े शुरू हुए हैं तब से घर जैसे जंग का मैदान बन गया है और घर का माहौल बिल्कुल भी ठीक नहीं है आए दिन के झगड़ों से घर में सब लोग परेशान होने लगे थे। पापा मुझे कहने लगे कि माधव बेटा तुम भी कभी अपने भैया और भाभी को कुछ कह दिया करो मैंने उन्हें कहा पापा मैं क्या कहूंगा मैं उन लोगों से छोटा हूं और भला भैया और भाभी मेरी क्या बात मानेंगे।
पापा और मम्मी दोनों ही इस बात से बहुत चिंतित रहते थे और उनकी चिंता उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गई जब भैया और भाभी के डिवोर्स की नौबत आ गई। मुझे इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि भैया और भाभी का डिवोर्स हो जाएगा लेकिन वह दोनों अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे और उन दोनों के साथ में रहने की फिलहाल तो कोई उम्मीद की किरण कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी। भाभी ने भैया से डिवोर्स ले लिया था और वह अब अपने मायके में ही रहती थी भैया घर में उदास ही बैठे रहते थे वह किसी से भी ज्यादा बात नहीं किया करते थे शायद इसके पीछे भाभी ही थी क्योंकि भाभी की वजह से ही भैया की ऐसी हालत हुई थी और वह अब बिल्कुल भी किसी से बात नहीं किया करते थे। मैंने भैया से बात करने की कोशिश भी की तो वह बहुत कम बात किया करते थे। एक दिन भैया मुझे कहने लगे कि माधव मैं सोच रहा हूं कि कुछ दिनों के लिए मैं गाऊं चला जाऊं मैंने भैया से कहा भैया आप गांव जाकर क्या करेंगे।
भैया कहने लगे कि माधव यहां तो मेरा दम घुटने लगा है मैं कुछ दिनों के लिए गांव जाना चाहता हूं मैंने यह बात मम्मी को बताई तो मम्मी कहने लगी कि हां तुम्हारे भैया को कुछ दिनों के लिए गांव चले जाना चाहिए क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा परेशान रहने लगा है। मम्मी चाहती थी कि भैया कुछ दिनों के लिए गांव चले जाएं भैया ने भी अपनी नौकरी छोड़ दी थी और वह कुछ दिनों के लिए गांव चले गए लेकिन जब भैया ने बताया कि उन्हें गांव में एक लड़की पसंद आ गई है और वह उसके साथ ही शादी करना चाहते हैं तो सब लोग इस बात से खुश हो गए। यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ सोचने का मौका ही नहीं मिल पाया और भैया की शादी गांव में ही करवा दी भैया के जीवन में अब नई बाहर आ चुकी थी और भैया बहुत ही खुश रहने लगे थे उनके चेहरे पर मुस्कुराहट नजर आने लगी थी। भैया और भाभी बहुत ही खुश थे भाभी का नाम आहिल्या है भैया कुछ समय तक तो गांव में ही रहे और उसके बाद वह पटना आ गए जब भैया पटना आए तो भाभी भी उनके साथ पटना आ गई। भैया की जिंदगी अब पटरी पर दोबारा से आ चुकी थी और वह अब पहले से ज्यादा खुश नजर आ रहे थे आहिल्या भाभी की वजह से ही उनकी जिंदगी में बाहर आई थी। मां तो बहुत ही ज्यादा खुश थी क्योंकि भैया के चेहरे पर मुस्कान थी और भैया की टेंशन अब पूरी तरीके से दूर हो चुकी थी। मैं भी भैया से अक्सर यही पूछता रहता था कि भैया अब आप पहले से ज्यादा खुश नजर आने लगे हैं तो भैया कहते कि यह सब तुम्हारी भाभी की वजह से ही हुआ है। भैया ने अपना एक नया काम शुरू कर लिया था और अब उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था भैया का काम भी अच्छा चलने लगा था और वह अपने काम की तरफ पूरा ध्यान देने लगे थे। घर में सब कुछ अब पहले जैसा ही सामान्य होने लगा था यह सब आहिल्या भाभी की वजह से ही तो हुआ था यदि वह भैया के जीवन में नहीं आती तो शायद भैया भी पहले की तरह बिल्कुल नहीं हो पाते।
भैया के सामान्य होने में भाभी ने उनकी बहुत मदद की मैं कुछ दिनों के लिए अपने गांव पापा के साथ चला गया पापा और मैं गांव के ही हमारे चाचा की बेटी की शादी में हम लोग गए हुए थे। जब हम लोग उनकी शादी में गए तो वहां पर सब लोग बड़े ही खुश नजर आ रहे थे और मुझे भी इस बात की खुशी थी कि कम से कम मैं भी कुछ दिनों के लिए गांव तो आया। पापा ने मुझे कहा कि माधव बेटा हम लोगों को कल सुबह यहां से जाना भी है तो तुमने क्या जाने का बंदोबस्त करवा लिया है मैंने पापा से कहा हां पापा मैंने जाने का पूरा प्रबंध करवा दिया है। गांव से बस कि थोड़ा समस्या थी गांव से मुख्य बस अड्डे की दूरी 20 किलोमीटर थी इसलिए सुबह जाने के लिए हमें समस्या का सामना करना पड़ता था लेकिन मैंने अपने गांव के ही एक दोस्त से कहकर जाने की व्यवस्था करवा ली थी इसलिए मुझे फिलहाल तो इस बात की कोई भी चिंता नहीं थी और पापा भी अब निश्चिंत हो चुके थे। मुझे भैया का फोन आया और वह कहने लगे कि माधव तुम अपनी भाभी के घर भी हो आना मैंने उन्हें कहा ठीक है भैया मैं उनके घर भी हो आऊंगा।
मैं भाभी के घर पर चला गया वहां पर उनके माता पिता से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं ज्यादा समय तो उनके घर पर नहीं रुक पाया लेकिन उनसे मेरी मुलाकात अच्छी रही। भाभी के घर में ही मुझे एक व्यक्ति मिले और उन्होंने मुझे भाभी के बारे में बताया तो मैं अहिल्या भाभी के बारे में सुनकर थोड़ा हैरान जरूर रह गया लेकिन मुझे उसकी बात पर यकीन नहीं आया। मैंने भाभी के बारे में जब पता करवाने की कोशिश की तो मुझे मालूम पड़ा कि भाभी का चरित्र ठीक नहीं था लेकिन भैया के चेहरे पर भाभी के साथ शादी करने के बाद खुशी लौट आई थी इसलिए मैं उनकी खुशी को ऐसे ही बर्बाद नहीं करना चाहता था। मैंने भाभी के बारे में सब कुछ पता करवा लिया था और अगले ही दिन हम लोग शहर लौट गए। मैंने भाभी से इस बारे में बात की तो भाभी कहने लगी देवर जी आप किसी को बताइएगा मत, मैंने भाभी से कहा अब तो मुझे आपकी असलियत पता चल चुकी है आपके ना जाने कितने ही लोगों के साथ नाजायज संबंध थे आप एक चरित्रहीन महिला है। भाभी मुझे कहने लगी मैं चरित्रहीन महिला नहीं हूं मैंने तो उन लोगों की खुशी के लिए अपने बदन को निछावर कर दिया था। मैंने भाभी से कहा लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था भाभी मुझे कहने लगी देवर जी आप यह किसी को मत बताना। वह जब भी मेरे पास आती तो सिर्फ यही बात कहती थी एक दिन भाभी ने जब मेरे लंड को हिलाया तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप ऐसा मत कीजिए। भाभी ने मेरे होठों को चूम लिया और मुझे भी उन्हें चोदने के लिए विवश होना पड़ा। मैंने अपने होंठो से उनके होंठो को चूम कर अपना बनाया जब वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी तो मुझे कहने लगी आज रात को मैं आपका इंतजार करूंगी। मैंने कहा ठीक है, रात को वह मेरा इंतजार कर रही थी वह अपने कमरे से निकल कर मेरे पास चली आई जब वह मेरे पास आई तो मैंने भाभी से कहा चलिए तो फिर मुझे भी आज अपने बदन के गर्मी से नहला दीजिए। भाभी कहने लगी इसमें तो मुझे महारत हासिल है और यह कहते ही उन्होंने अपने ब्लाउज के हुक को खोलते हुए मेरे सामने अपनी ब्रा को कर दिया और कहने लगी कि देवर जी ब्रा को खोल दीजिए।
मैंने बड़े ही प्यार से भाभी की ब्रा को उतारा उसके बाद वह मुझे कहने लगी आपके अंदर कुछ तो बात है। मैंने भाभी के स्तनों को जमकर चूसा और उनके स्तनो को मसल कर दूध बाहर निकाल दिया वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। मैने उनकी साड़ी को उतारकर नंगी चूत को चाटना शुरू किया वह मुझे कहने लगी थोड़ा आराम से कीजिए मुझे तो आपने पूरी तरीके से अपना दीवाना बना दिया है। मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के बीच मे लगा कर रखा था और उनकी चूत को अपनी उंगलियों से दबा रहा था। उनकी चूत से मैंने गिलापन बाहर निकाल दिया था और जब उनकी चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला और भाभी से कहा आप मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिजिए।
भाभी लंड को बहुत अच्छे से चूसने लगी वह बड़े ही अच्छे तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी वह जिस प्रकार से मेरे मोटे लंड को अंदर बाहर कर रही थी उससे मेरा लंड पानी छोड़ने लगा था। भाभी मुझे कहने लगी अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है आइए ना मेरी गर्रई को बुझा दीजिए। मैंने भाभी की चूत को दोबारा से चाटा उनकी योनि गिला हो गई भाभी की चूत से लगातार पानी टपक रहा था। मैंने उन्हें घोडी बनाते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी थी और मेरा लंड उनके अंदर जा चुका था। मैं उनकी योनि के अंदर बाहर लंड को करता तो वह बहुत तेजी से चिल्लाती और मुझे कहती कि मुझे दर्द हो रहा है। मैंने उनकी चूतड़ों को कसकर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेज गति से में धक्के दे रहा था काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया। जब भाभी की योनि से पानी कुछ ज्यादा ही बाहर निकलने लगा तो उन्होंने कहा अब मै नही कर पाऊंगा और उनकी गर्मी को मै भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था मैंने भी अपने वीर्य को उनकी चूत मे गिराया भाभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई थी।